फॉरेक्स शुल्क की जानबूझकर चोरी करना आपको बहुत महंगा पड़ सकता है और जेल की हवा खानी पड़ सकती है।
प्रवर्तन निदेशालय ने 14 साल में पहली बार हाल ही में सूरत के एक हीरा व्यापारी को ‘जानबूझकर’ फॉरेक्स शुल्क चोरी करने के लिए हिरासत में ले लिया और उस पर फेमा की धारा 14 के तहत 3.99 लाख रुपये जुर्माना लगाया।
फेमा उल्लंघन से जुड़े मामले देखने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘1999 के बाद से यह पहली बार है कि एजेंसी ने विदेशी मुद्रा विनिमय नियमों के उल्लंघन के एक मामले में किसी को हिरासत में लेकर उसे जेल भेज दिया है। एजेंसी देशभर में इस तरह के मामलों में और कदम उठाने की तैयारी में है।’’
वर्ष 1999 में बने फेमा कानून को देश में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा लागू किया जाता है और सख्त मनी लांडरिंग रोधी कानून के मुकाबले फॉरेक्स शुल्क चोरी के मामलों की प्रकृति दिवानी मुकदमों की होती है।
गुजरात के सूरत के मामले में हीरा व्यापारी ने अवैध तरीके से 60,000 डॉलर विदेश स्थानांतरित कर फेमा कानूनों का कथित उल्लंघन किया।
फेमा के सक्षम प्राधिकरण ने व्यापारी को तीन महीने के लिए जेल भेज दिया। प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में दलील थी कि वित्तीय रूप से संसाधन संपन्न होने के बावजूद व्यापारी ने फेमा जुर्माने के कई नोटिसों का अनादर किया।