अबुधाबी स्थित एतिहाद एयरवेज, जेट के साथ 2,058 करोड़ रुपये के सौदे के तहत जेट एयरवेज के निदेशक मंडल में अपने निदेशकों की संख्या घटाकर दो करने को राजी हो गई है। इससे भारतीय प्रवर्तकों का कंपनी पर 'प्रभावी नियंत्रण' सुनिश्चित होगा।
संशोधित शेयरधारिता समझौते के अन्य ब्योरे के साथ एतिहाद के इस निर्णय की सूचना भी वित्त मंत्रालय को भेज दी गई है। यह सूचना 29 जुलाई को होने वाली एफआईपीबी की बैठक से पहले भेजी गई है, ताकि सौदे को सरकार की जल्द हरी झंडी मिल सके।
सूत्रों ने कहा कि संशोधित शेयरधारिता समझौते के मुताबिक, सौदे के बाद 10-सदस्यीय निदेशक मंडल में एतिहाद के दो निदेशक होंगे। पहले, निदेशक मंडल में एतिहाद के चार निदेशक रखने का प्रस्ताव था। शेयरधारिता समझौते में संशोधन के जरिए प्रभावी नियंत्रण को लेकर विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) और बाजार नियामक सेबी की चिंताओं को दूर करने की कोशिश की गई है।
जेट में एतिहाद का निवेश प्रस्ताव भारत में विमानन क्षेत्र में अब तक घोषित सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश है। समझौते में कहा गया है कि स्वतंत्र निदेशकों और चेयरमैन व वाइस चेयरमैन की नियुक्ति सहित प्रमुख निर्णय अधिक संख्या में मतों के आधार पर किए जाएंगे। हालांकि, एतिहाद के साथ शेयरधारिता ढांचे में कोई बदलाव नहीं होगा। एतिहाद जेट में 24 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीद रही है, जबकि मुख्य प्रवर्तक नरेश गोयल की कंपनी में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी रहेगी एवं शेष 25 प्रतिशत हिस्सेदारी अन्य संस्थानों व व्यक्तियों के पास है।