प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को 2-जी स्पेक्ट्रम आवंटन से संबंधित मनी लॉन्डरिंग मामले की सुनवाई कर रही एक विशेष अदालत को बताया कि पूर्व दूरसंचार मंत्री ए.राजा ने अयोग्य कंपनियों को दूरसंचार लाइसेंस आवंटित करने के लिए अन्य आरोपियों के साथ साजिश रची।
ईडी के विशेष लोक अभियोजक आनंद ग्रोवर ने इस मामले में अंतिम बहस के दौरान विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी को बताया कि इसके लिए स्वान टेलीकॉम प्रा. लि. के प्रमोटरों ने कुसेगांव रियल्टी प्रा. लि. और सिनेयुग मीडिया एंड एंटरटेनमेंट के जरिए कलैगनार टीवी को 200 करोड़ रुपये का भुगतान किया था।
उन्होंने कहा कि इस राशि को वैध वित्तीय लेन-देन की आड़ में दिया गया। ईडी ने कहा कि उनकी जांच से यह खुलासा हुआ है कि इस अवैध भुगतान को वैध दिखाने के लिए इस 200 करोड़ रुपये की राशि को एक अतिरिक्त राशि के साथ दिखाया गया।
यह धनराशि उस दिन वापस की गई थी, जिस दिन केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने राजा को पूछताछ के लिए सम्मन किया था। अभियोजन पक्ष को कुछ देर सुनने के बाद अदालत ने मामले की सुनवाई 27 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी।
2जी स्पेक्ट्रम आवंटन से संबंधित मनी लॉन्डरिंग मामले में राजा के अलावा डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि की पत्नी दयालु अम्माल और अन्य के खिलाफ भी मुकदमा चल रहा है। आरोपियों पर मनी लॉन्डरिंग रोकथाम विधेयक (पीएमएलए) की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।