सरकार के कैशलेस को बढ़ावा देने के चलते रेलवे की आरक्षित श्रेणी में होने वाली आय में कैशलेस के जरिए होने वाली कुल आय में 30 फीसदी इजाफा हुआ है. यह पहली बार है कि अनारक्षित श्रेणी में होने वाली आय में 8 फीसदी आय भी कैशलेस बुकिंग के जरिए है.
न्यू इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, नवंबर में 58 फीसदी लोगों ने डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड या फिर ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के जरिए टिकटों की बुकिंग करवाई. लेकिन अब यह बढ़कर 75 फीसदी हो चुकी है. रिजर्व और अनरिजर्व दोनों कैटिगरी की बात की जाए तो कैशलेस टिकटिंग से कुल 53.79 फीसदी हिस्सा आया जबकि मालभाड़े की बुकिंग के लिए यह हिस्सा 95.86 फीसदी रहा. रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि आज की तारीख में रिजर्व पैसेंजर सेगमेंट में 75.18 फीसदी, मालभाड़े से 95.86 फीसदी बिजनेस हमें कैशलेस के जरिए मिल रहा है.
सरकार ने कैशलेस इकॉनमी को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के प्रोत्साहन दिए हैं और ये प्रोत्साहन रेलवे के स्तर पर भी दिए गए हैं. इनमें से एक यह भी है कि यदि डिजिटल पेमेंट के जरिए टिकट बुक करते हैं तो डिस्काउंट मिलेगा.
रेलवे ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से भी कहा है कि वह डेबिट और क्रेडिट कार्ड स्वाइप के लिए 10 हजार पीओएस यानी पॉइंट ऑफ सेल मशीनें लगाए ताकि ट्रांजैक्शन में आसानी हो सके. वैसे रेलवे अपने पैसेंजर्स को ऑनलाइन टिकट बुकिंग पर मुफ्त दुर्घटना बीमा देता है. यह बीमा 10 लाख रुपए तक का है. प्रतिदिन करीब 14 लाख लोग टिकट खऱीदते हैं जिनमें से करीब 58 फीसदी टिकटें ऑनलाइन (डिजिटल माध्यम से) बुक होती हैं.