भारत आधिकारिक आंकड़ों की तुलना में तेजी से वृद्धि कर रहा है, और ऐसे में देश के इक्विटी परिदृश्य में सुधार की पूरी गुंजाइश है. ब्रोकरेज कंपनी क्रेडिट सुइस ने यह जानकारी दी. क्रेडिट सुइस ने भारतीय शेयरों को ‘सामान्य से कम' से ‘बेंचमार्क' में अद्यतन करते हुए कहा कि प्रमुख सूचकांकों में 14 प्रतिशत तक वृद्धि की गुंजाइश है.
ब्रोकरेज फर्म के शोध प्रमुख नीलकंठ मिश्रा ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में देश 7 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा, जबकि आम धारणा है कि वास्तविक वृद्धि 6 प्रतिशत से कम रहेगी.
मिश्रा ने कहा कि आम धारणा सिर्फ आधिकारिक आंकड़ों पर आधारित है, जबकि उनके विश्लेषण में व्यापक आंकड़ों को ध्यान में रखा गया है.
उन्होंने कहा कि बीएसई 500 कंपनियों की आय में बढ़ोतरी भी तेज वृद्धि की ओर इशारा करती है.
उन्होंने कहा, ‘‘हम कई घरेलू वृद्धि चालकों के कारण 2023 में जीडीपी वृद्धि में मजबूत तेजी की उम्मीद कर रहे हैं. सरकारी खर्च में तेजी, कम आय वाली नौकरियों में वृद्धि और आपूर्ति-श्रृंखला की बाधाओं में कमी ने ब्याज दर में बढ़ोतरी के प्रभाव को कुछ हद तक कम कर दिया है.''