निजी क्षेत्र की सूचीबद्ध कंपनियों में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी घटाकर 75 प्रतिशत तक लाने के नियम लागू होने में गिनती के दिन बचे हैं। ऐसे में सेबी ने कंपनियों को शेयर बाजार में बिक्री पेशकश के जरिये हिस्सेदारी बेचने की घोषणा एक दिन पहले करने की अनुमति दी है।
अभी तक कंपनियों को सेबी के दिशानिर्देश का अनुपालन करने के लिए ओएफएस व्यवस्था के तहत शेयरों की बिक्री की घोषणा बिक्री तिथि से कम से कम एक कारोबारी दिवस पहले करनी होती थी। लेकिन अब कंपनियां कारोबारी दिवस नहीं होने की स्थिति में रविवार को भी बिक्री पेशकश की घोषणा कर सकती हैं।
सेबी ने एक सर्कुलर जारी कर कहा, ‘‘विक्रेता शेयरों की बिक्री के इरादे की घोषणा, बिक्री की पेशकश (ओएफएस) के कम से कम एक दिन पहले करेंगी।’’ सेबी के न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता नियमों के मुताबिक, शेयर बाजार में सूचीबद्ध सभी निजी क्षेत्र की कंपनियों को कम से कम 25 प्रतिशत हिस्सेदारी आम जनता तथा सार्वजनिक करनी होगी। सेबी के इस नियम का प्रवर्तकों को 3 जून, 2013 तक अनुपालन करना है। इस लिहाज से कंपनियों के पास नियम का अनुपालन करने के लिये कुछ ही दिन बचे हैं और इस दौरान शनिवार और रविवार भी बीच में आ रहे हैं।
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के लिए न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता 10 प्रतिशत तय की गई है। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को इसके लिए अगस्त, 2013 तक की समय सीमा तय की गई है।
सेबी ने इन नियमों की घोषणा जून 2010 में की थी। सूचीबद्ध कंपनियों में आम जनता और दूसरे निवेशकों की कम से कम 25 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने का मकसद ऐसी कंपनियों में सार्वजनिक निवेश बढ़ाने और देश में इक्विटी संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया।