सीबीआई को ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है कि उसके वकील ने 2-जी घोटाले में रिश्वत ली थी। इस मामले में शामिल एक आरोपी के साथ इस वकील की बातचीत का टैप मीडिया में आया था, जिसमें दोनों के बीच मिलीभगत का आरोप लगाया गया था।
सीबीआई के वकील एके सिंह की यूनिटेक के प्रबंध निदेशक संजय चंद्रा के साथ बातचीत का यह टैप सामने आने के बाद एजेंसी ने शुरुआती जांच की थी। चंद्रा 2-जी स्पेक्ट्रम घोटाले में आरोपी हैं। यह टैप समाचार चैनलों पर प्रसारित किया गया था।
सीबीआई सूत्रों ने कहा कि जांच के दौरान सीबीआई को कोई ऐसा सबूत नहीं मिला जिससे यह संकेत मिलता हो कि सिंह ने रिश्वत ली थी। सीबीआई का मानना है कि यह उसके वकील द्वारा की गई अविवेकपूर्ण बातचीत का मामला है, जिसके लिए उनके खिलाफ विभागीय जांच की सिफारिश की जा सकती है।
सूत्रों ने कहा कि इस मामले में एजेंसी की जांच जारी है। सीबीआई पता लगाना चाहती है कि इस रिकार्डिंग के लीक होने के पीछे किन कारपोरेट समूहों का हाथ है। जांच एजेंसी का मानना है कि बातचीत की रिकार्डिंग लीक होना कारपोरेट प्रतिद्वंद्विता का नतीजा है।