वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को लोक सभा में मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करेंगी. इससे ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को देश के बड़े अर्थशास्त्रियों से मिले. बैठक में वित्त मंत्री समेत वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए. बजट में अर्थव्यवस्था को एक नयी दिशा देने के लिए बड़े रोडमैप की उम्मीद है.
नीति आयोग में करीब तीन घंटे चली बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार समेत नीति आयोग के उपाध्यक्ष समेत सभी सदस्य मौजूद थे.
बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा, "आज मैंने प्रख्यात अर्थशास्त्रियों के साथ interact किया और विकास को आगे बढ़ाने से संबंधित मुद्दों पर उनके insightful सुझाव सुने".
अर्थशास्त्री मानते हैं कि मोदी सरकार के तीसरे टर्म के पहले बजट में नयी सरकार के आर्थिक एजेंडा और अगले पांच साल अर्थव्यवस्था की दिशा क्या होगी इसका एक रोडमैप दिख सकता है.
इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 19 जून से 05 जुलाई के बीच 10 स्टेकहोल्डर समूहों से जुड़े 120 से अधिक विशेषज्ञों और प्रतिनिधियों के साथ चर्चा कर बजट पर उनकी राय ले चुकी हैं. बजट पर हुई इन इन बैठकों में किसान संघों, कृषि अर्थशास्त्रियों, ट्रेड यूनियन; शिक्षा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र; रोजगार एवं कौशल; एमएसएमई; व्यापार एवं सेवाएँ; उद्योग; अर्थशास्त्री; वित्तीय क्षेत्र और पूंजी बाजार; साथ ही, बुनियादी ढांचा, ऊर्जा और शहरी क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञ और प्रतिनिधि शामिल थे.
उद्योग जगत ने बजट को लेकर इस बार वित्त मंत्री के सामने मांगों की लम्बी चौड़ी सूची सौपीं है. उद्योग संघ FICCI के पूर्व अध्यक्ष और Indian Metals & Ferro Alloys Ltd के मैनेजिंग डायरेक्टर सुभ्राकान्त पांडा ने वित्त मंत्री के सामने Budget 2024-25 को लेकर एक विस्तृत प्रेजेंटेशन किया है.
एनडीटीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत में सुभ्राकान्त पांडा ने कहा कि वित्त मंत्री का विशेष फोकस इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में बजट आवंटन बढ़ाने और देश में स्टार्ट-अप कल्चर को मज़बूत करने पर होने चाहिए.
शुभ्रकांत पांडा, पूर्व अध्यक्ष, फिक्की ने NDTV से कहा, "इस साल 1 फरवरी को वित्त मंत्री ने अंतरिम बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर पर बजटीय आवंटन 11.11% बढ़ाकर 11 लाख 11 हज़ार करोड़ कर दिया था. हमने वित्त मंत्री से कहा है कि और और बढ़ाना ज़रूरी होगा". ज़ाहिर है, अब सबको इंतज़ार संसद में पेश होने वाले बजट का है.