हेडलाइन पढ़कर आपको लगा होगा कि कौन होगा वो मासूम बच्चा जिससे इतनी कम उम्र में ऐसा कठोर सवाल पूछा गया. वो सवाल जिसके बारे में उसे कुछ नहीं पता था. वह तो मासूमियत से अपने पिता के साथ खेलना चाहता था लेकिन वो क्या जानता था कि वह जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं. जब उसे हकीकत पता चली वह अंदर तक सिहर गया और आज इतने साल बाद भी वो जख्म भुला नहीं पाया है. ये एक्टर कोई और नहीं बल्कि अभिषेक बच्चन हैं जिन्होंने छोटी ही उम्र में अपनी आंखों के सामने एक बड़ी हकीकत देखी. पिता शूटिंग के दौरान ऐसे घायल हुए कि जिंदगी पर बन आई थी.
जिंदगी में एक बार पिता पर नाराज हुए अभिषेक
अभिषेक बच्चन की जिंदगी पर आधारित किताब 'अभिषेक बच्चन: स्टाइल एंड सब्सटैंस' में इस बात का खुलासा किया गया है. अभिषेक के मुताबिक, 1982 में छह साल की उम्र में पा को बैंगलोर के हमारे वेस्ट एंट होटल के कमरे में उठाकर लाया गया. मैं खुशी से उछलकर उनकी तरफ बढ़ा, मैं उनकी पीठ पर सवार होना चाहता था. मुझे पता नहीं चला कि वो इतनी बुरी तरह घायल हैं. उस वक्त उन्होंने पहली और आखिरी बार मुझे खुद से झटक दिया. मुझे ये बात इतनी बुरी लगी कि मैं कई दिनों तक नाराज रहा.
लेखक और फोटोग्राफर प्रदीप चंद्रा की किताब में जूनियर बच्चन की जिंदगी के कई किस्से लिखे हैं. अभिषेक ने बताया कि उन्होंने अपने पिता को कमरे में दर्द से कराहते देखा लेकिन वो उनसे नाराज ही रहे. अगले दिन उन्हें और श्वेता को मुंबई भेज दिया गया. ये पहली बार था जब दोनों अकेले फ्लाइट में सफर कर रहे थे. कुछ समय बाद अमिताभ को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती करवाया गया.
अभिषेक ने कहा कि उनके माता-पिता ने उन्हें कभी ये महसूस नहीं होने दिया कि उनके पिता कितनी नाजुक हालत में थे. हालांकि फिर भी घर से बाहर कभी इस कड़वे सच का सामना भी करना पड़ा. अभिषेक की मानें तो स्कूल में एक दिन एक बच्चे ने उसने पूछा था, तुम्हारे पापा मरने हैं, हैं ना? छह साल के अभिषेक को इस बात से बहुत धक्का लगा. वो बेहोश हो गए. इसी रात उन्हें पहली बार अस्थमा अटैक आया था.
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