
बर्फीली वादियों में शिफॉन की झीनी सी साड़ी पहन पल्लू लहराती खूबसूरत एक्ट्रेस. ये नजारा ही किसी सपने सा लगता है. खासतौर से किसी आम इंसान के लिए तो ये नजारा सोच पाना भी नामुमकिन ही था. अगर यश चोपड़ा इस हसीन कल्पना को पर्दे पर न उतारते तो. हिंदी सिनेमा की न जाने कितनी ही हीरोइन्स को उन्होंने इसी दिलकश अंदाज में पर्दे पर पेश किया. कभी जुल्फों को लहराते हुए तो कभी अपनी कमर को बलखाते हुए. बॉलीवुड के गलियारों में तो ये भी कहा जाता था कि हीरोइन को पर्दे पर जिस हसीन तरीके से यश चोपड़ा पेश करते हैं वैसा कोई न कर सका. शायद इसलिए उनकी फिल्मों की हीरोइन्स को भुला पाना आसान नहीं है. हम आपको बताते हैं पांच ऐसी ही हीरोइन्स जो पर्दे से उतर कर आपके दिलों की मल्लिका बन गईं.
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शर्मिला टैगोर
शर्मिला टैगोर ने यश चोपड़ा के साथ वक्त और दाग मूवी में काम किया. दोनों ही फिल्मों में शर्मिला टैगोरा का खूबसूरत अंदाज और इमोशनल पहलू भी नजर आया. खासतौर से दाग मूवी जिसे कई बार यश चोपड़ा की फर्स्ट फुल टाइम रोमांटिक मूवी भी कहा जाता है, उसमें शर्मिला टैगोर की एक्टिंग और खूबसूरती दोनों ही दर्शकों को इंप्रेस करती है.
रेखा
यश चोपड़ा की मूवीज की बात होगी तो रेखा का नाम जरूर आएगा. रेखा का नाम आएगा तो सिलसिला की याद भी ताजा हो ही जाएगी. ये मूवी अपने दौर में भले ही फ्लॉप हुई हो. लेकिन रेखा का लुक इस कदर मोहब्बत से लबरेज है कि चेहरे पर भी उसकी गुलाबी रंगत साफ दिखती है. जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता.
श्रीदेवी
नई पीढ़ी कोई और फिल्म को जाने या न जाने चांदनी मूवी के बारे में जरूर जानती है. यश चोपड़ा ने अपनी कई फिल्मों में हीरोइन का नाम चांदनी रखा. मसलन दाग में राखी का नाम चांदनी था. सिलसिला में रेखा का नाम भी चांदनी था. लेकिन इस नाम के साथ जंचने वाली एक्ट्रेस शायद उन्हें श्रीदेवी ही लगीं. जिनके साथ उन्होंने चांदनी और लम्हे जैसी आइकॉनिक मूवीज बनाई. बर्फीली वादियों में शिफॉन की साड़ी लहराने का ट्रेंड भी इसी फिल्म के बाद जोर पकड़ता दिखा था.
काजोल
एक चुलबुली सी लड़की जो लड़ते लड़ते कब उसी लड़के की मोहब्बत में डूब जाती है. और, मोहब्बत भी इतनी गहरी जो सरहदें नाप कर भी फीकी नहीं पड़ती. काजोल को इस अंदाज में पेश करने वाले भी यश चोपड़ा ही थे. जो कभी मेहंदी लगा कर रखना तो कभी घर आजा परदेसी जैसे जज्बातों में खोई नजर आती हैं.
प्रीति जिंटा
मोहब्बत की कोई उम्र नहीं होती. और, न मोहब्बत करने वाली की कोई उम्र होती है. उम्र और देश के हर फासले को नाप कर इश्क निभाने वाली वीर-जारा की, जारा को उसके वीर से मिलवाने वाले भी यश चोपड़ा ही थे. जिन्होंने प्रीति जिंटा के करियर को ये यादगार फिल्म दी.
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