!['उन्हें मत लीजिए, उन्हें तो उर्दू भी नहीं आती', नसीरुद्दीन शाह ने गुलजार को लिखा था लेटर, इस एक्टर की कास्टिंग से हो गए थे आगबबूला 'उन्हें मत लीजिए, उन्हें तो उर्दू भी नहीं आती', नसीरुद्दीन शाह ने गुलजार को लिखा था लेटर, इस एक्टर की कास्टिंग से हो गए थे आगबबूला](https://c.ndtvimg.com/2025-02/a679rbs_naseeruddin_625x300_14_February_25.jpeg?im=FitAndFill,algorithm=dnn,width=773,height=435)
वेटरन एक्टर नसीरुद्दीन शाह हमेशा अपने विचारों को बेबाकी से व्यक्त करने के लिए जाने जाते हैं. हाल ही में, केरल साहित्य महोत्सव में एक बातचीत के दौरान उन्होंने एक किस्सा साझा किया, जिससे यह साबित होता है कि उनके युवा दिनों में भी वे अपनी राय रखने में बिल्कुल भी डरते नहीं थे. नसीरुद्दीन शाह ने बताया कि जब वह फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) में पढ़ाई कर रहे थे, तब उन्होंने सुना कि गुलजार एक शो बना रहे हैं, जिसमें मिर्जा ग़ालिब का किरदार संजीव कुमार निभाने वाले थे. नसीरुद्दीन शाह को यह सुनकर गुस्सा आया क्योंकि उनका मानना था कि संजीव कुमार इस रोल के लिए सही नहीं थे. उनका कहना था कि संजीव कुमार उर्दू नहीं बोल सकते थे.
गुलजार को लिखा लेटर
इस पर नसीरुद्दीन शाह ने गुलजार को एक पत्र लिखा और अपनी तस्वीर भेजी. तस्वीर भेजने में उन्हें 5 रुपए का खर्च आया, जो उस समय एक बड़ी राशि मानी जाती थी. उन्होंने पत्र में लिखा, "मैं वही अभिनेता हूं जिसे आप ढूंढ रहे हैं, संजीव कुमार को मत लीजिए, वह उर्दू नहीं बोल सकते". हालांकि, यह पत्र गुलजार को कभी मिला नहीं और संजीव कुमार बीमार पड़ने के कारण फिल्म का काम रुक गया.
कई सालों बाद, 1980 के दशक में गुलजार ने नसीरुद्दीन शाह से संपर्क किया और उनसे मिर्जा ग़ालिब का किरदार निभाने के लिए कहा. नसीरुद्दीन शाह को यह विश्वास नहीं हुआ और उन्होंने गुलजार को वह पुरानी घटना बताई. इस शो का नाम 'मिर्जा ग़ालिब' था, जिसे गुलजार ने लिखा और निर्देशित किया था. यह शो डीडी पर प्रसारित हुआ और इसमें जगजीत सिंह और चित्रा सिंह के गजल भी सुनाए गए थे.
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