
दस दिन पहले एक्ट्रेस और शौकिया पायलट गुल पनाग ने चिंता व्यक्त की थी कि 12 जून को हुई दुर्भाग्यपूर्ण एयर इंडिया उड़ान AI171 के पायलटों को इस दुर्घटना के लिए दोषी ठहराया जा सकता है. एनडीटीवी के प्रबंध संपादक शिव अरूर के साथ एक बातचीत में उन्होंने जो आशंका व्यक्त की थी. वह अब सच होती दिख रही है क्योंकि कई पश्चिमी मीडिया संस्थानों ने अधूरी जांच और समीक्षाधीन प्रारंभिक रिपोर्ट के बावजूद पायलटों पर उंगली उठानी शुरू कर दी है..
12 जून को क्या हुआ था?
12 जून, 2025 को अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रहा एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस विमान में 242 लोग सवार थे - 230 यात्री, 10 चालक दल के सदस्य और 2 पायलट. केवल एक व्यक्ति, 11A में बैठा यात्री दुर्घटना में बच गया. कुल 260 लोगों की जान चली गई, जिनमें से 19 ज़मीन पर थे.
प्रारंभिक रिपोर्ट में क्या कहा गया है
भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) द्वारा जारी 15-पन्नों की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार विमान के 180 नॉट की गति तक पहुंचने के कुछ ही सेकंड बाद दोनों इंजन फेल हो गए.
विमान संतुलन खो बैठा और हवाई अड्डे की चारदीवारी के ठीक बाहर घनी आबादी वाले इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
गुल पनाग ने क्या कहा
एनडीटीवी के साथ बातचीत में गुल पनाग, जिनके पास 2016 से निजी पायलट का लाइसेंस है. उन्होंने विमान दुर्घटनाओं में पायलटों पर समय से पहले दोष मढ़े जाने पर अपनी चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा, "यह दुख की बात है, जब तक और ज़्यादा जानकारी सामने नहीं आती. या तो पायलट की गलती साबित हो जाएगा या फिर इसे पायलट की गलती जैसा बना दिया जाएगा और यही हर पायलट को डर लगता है क्योंकि वे अपना बचाव करने के लिए मौजूद नहीं होते." उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद है कि ऐसा नहीं होगा. हाल के दिनों में हुई हर घटना को दुर्भाग्य से इसी रूप में दर्ज कर दिया गया है."
बोइंग 737 मैक्स दुर्घटनाओं का ज़िक्र करते हुए गुल ने आगे कहा, "737 मैक्स के मामले में अन्य तथ्य बाद में सामने आए. लेकिन शुरुआती रिपोर्ट में बस यही कहा गया है. 'इसे बेहतर तरीके से संभाला जा सकता था.' उन्होंने यह भी बताया कि पायलट प्रशिक्षण में आपातकालीन प्रक्रियाओं जैसे इंजन की खराबी को व्यापक रूप से शामिल किया जाता है।. उन्होंने बताया, "इंजन की खराबी और टेक-ऑफ याद रखने वाली बातें हैं और इससे कैसे निपटना है. यह भी आपके दिमाग में तब से बैठा दिया जाता है जब आप ट्रेनिंग करते हैं." उन्होंने आगे कहा, "इंजन फेल हुए या नहीं, यह सब अंतिम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा."
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