विद्या बालन (Vidya Balan) की 'शकुंतला देवी (Shakuntala Devi)' 31 जुलाई को अमेजन प्राइम (Amazon Prime) पर रिलीज होने जा रही है. फिल्म में विद्या बालन मैथमेटिशन विद्या बालन (Vidya Balan) का किरदार निभा रही हैं. फिल्म के ट्रेलर में ही विद्या बालन ने दिखा दिया है कि वह कमाल की एक्टर हैं और मुश्किल से मुश्किल रोल को भी चुटकी बजाते ही कर लेती हैं. विद्या बालन से 'शकुंतला देवी (Shakuntala Devi)' को लेकर हुई बातचीत के मुख्य अंश...
'शकुंतला देवी' का किरदार क्यों चुना?
मुझे लगता है कि जब से मैंने शकुंतला देवी के बारे में सुना है, इतनी दिलचस्प बातें अनु मैडम ने मुझे बताई कि मुझे लगा कि भई वाह. उन्होंने एक नहीं कई जिंदगी जी. क्या कुछ नहीं उन्होंने किया, एक ही जिंदगी में. एक ऐसी लड़की जो कभी स्कूल नहीं गई वह दुनिया भर में ह्यूमन कंप्यूटर के नाम से मशहूर हुई. किताब भी लिखी उन्होंने. वैसे तो यह हमें नामुमकिन लगता है, लेकिन उन्होंने इसे मुमकिन कर दिखाया. वह लार्जर पर्सनैलिटी हैं, जिन्हें किसी बात का डर नहीं लगता था. वह मैथमेटिकल जीनियस थीं, लेकिन खाना भी अच्छा पकाती थीं. अपने पति के साथ क्लब में जाकर उन्हें डांस करना उन्हें पसंद था. वो हर चीज में मैथ्स देखती थीं. होमोसैक्सुएलिटी पर पहली किताब देश में उन्होंने लिखी. एस्ट्रोलॉजी से लेकर मैथ्स तक कई किताबें उन्होंने लिखीं. ऐसा कुछ नहीं है जो उन्होंने नहीं किया. हॉलीवुड स्टार्स से लेकर अलग-अलग देशों के प्राइम मिनिस्टर्स से भी मिली थीं. उन्होंने संपूर्ण जीवन जिया. ये सब जानने के बाद एक जिंदादिली और निडरता मैंने अपनी परफॉर्मेंस में उतारने की कोशिश की.
उनके कैरेक्टर में से सबसे मुश्किल पार्ट निभाने में आपको कौन सा लगा?
मैथ्स परफॉर्मेंसेस क्योंकि हम सबको लगता है कि मैथ्स बहुत बोरिंग सब्जेक्ट है. मेरा भी यही मानना था कि हम मैथ्स को इंटरेस्टिंग कैसे बनाएंगे. लेकिन जब मैंने उनका मैथ्स शो देखा तो मुझे लगा कि यह मैजिक शो है और इतनी तेजी से जवाब देती थीं, हंसती थीं, हंसाती थीं और ऐसे में मस्ती करते हुए ही मैथ्स शो कर जाती थीं. तो मुझे भी नंबर्स में वो मजा लाना था. मैंने अनु मैडम से बात की जो दिखता है उनके शो में कि उन्हें मजा आ रहा है, वो मस्ती और मजा मैं कैसे लाऊं परफॉर्मेंस में. तो वो चीज मेरे लिए सबसे चैलेंजिंग रहा.
आपने यह फिल्म सिनेमाहॉल के लिए बनाई, लेकिन यह रिलीज ओटीटी पर हो रही है. इस चीज को, इस फ्यूचर को आप किस तरह से देखते हैं?
पहले तो थोड़ा लगा कि बड़े पर्दे पर इसे नहीं देख पाएंगे. लेकिन फिर एहसास हुआ कि यह कोविड का सिलसिला कितने समय तक चलने वाला है. थिएटर खुलेंगे तो कब खुलेंगे और कितने लोग उसमें जाएंगे. तो मैंने उसमें कहा कि बहुत अच्छी बात है कि हम ओटीटी (OTT) पर आ रहे हैं वो भी अमेजन प्राइम (Amazon Prime) पर, जो कि 200 देशों में है. इस वक्त, जब सभी घर में हैं, सभी देख सकते हैं. ऐसे में मैंने कहा कि बहुत अच्छी बात है और यह हमारे लिए बहुत फायदेमंद है.
आप मानती हैं कि अब फिल्म कुछ लोगों तक सीमित नहीं है. इसका दायरा बढ़ गया है और करोड़ों लोग इसका लुत्फ उठा सकते हैं?
बिल्कुल. वो दायरा बढ़ गया है और असीमित हो गया है. क्योंकि लोग ऐसे भी हैं, जिनके पास अमेजन प्राइम है लेकिन वह हिंदी फिल्में देखते नहीं हैं. लेकिन अमेजन प्राइम में भाषा का प्रभाव नहीं पड़ता है. लोग अलग-अलग भाषा में फिल्में देखने लगे हैं. सबको अब आदत हो गई है. तो यह उम्मीद है कि जो हिंदी फिल्में नहीं देखते, वह भी हिंदुस्तानी फिल्में देखने लगेंगे.
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