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This Article is From Jun 11, 2021

Top Retro Songs: बेमतलब के बोल, लेकिन 'बेजोड़ गाने' जो आज भी सुपरहिट हैं...देखें Video

Top Retro Songs: अगर आप सोचते हैं कि फिल्मों में किसी गाने के सुपहहिट होने से लिए गहरे अर्थ वाले ‘बोल’ यानी की ‘लिरिक्स’ जरूरी है, तो ये आपकी गलतफहमी है.

Top Retro Songs: बेमतलब के बोल, लेकिन 'बेजोड़ गाने' जो आज भी सुपरहिट हैं...देखें Video
Top Retro Songs: सदाबहार हिंदी गाने
नई दिल्ली:

Top Retro Songs: अगर आप सोचते हैं कि फिल्मों में किसी गाने के सुपहहिट होने से लिए गहरे अर्थ वाले ‘बोल' यानी की ‘लिरिक्स' जरूरी है, तो ये आपकी गलतफहमी है. हिन्दी फिल्मों के कई ऐसे सुपरहिट गाने हुए हैं जिनके लिरिक्स का हिन्दी तो क्या, दुनिया की किसी भी भाषा में कोई अर्थ ही नहीं है. खास बात ये है कि इनमें से कई गाने तो बेहद सुरीले और क्लासिकल माने जाते हैं. आइए बात करते हैं हिन्दी सिनेमा के ऐसे ही कुछ गानों की....

ईना-मीना-डीका

“ईना मीना डिका, डाय डोमनिका....” इस गाने को भला कौन भूल सकता है. किशोर कुमार और आशा भोंसले ने इस गीत को गाया था. 1957 में ‘आशा' फिल्म का ये गाना ‘क्लासिक' में शुमार है. इसका संगीत सी. रामचंद्र ने दिया था.

अपलम चपलम चप लाई रे

1955 में आई फिल्म ‘आज़ाद' का ये गाना काफी हिट रहा था. इन गाने के शुरुआती ‘बोल' का कोई अर्थ नहीं निकलता, लेकिन सी. रामचंद्र के कर्णप्रिय संगीत और लता व उषा मंगेशकर बहनों की सुरीली आवाज वाले इस गाने को लोगों ने खूब पसंद किया.

हवा-हवाई

“चिकी लाकि लाकि चिकी लाकी चिकी रम पम.....” 1987 में आई फिल्म ‘मिस्टर इंडिया' में श्रीदेवी जब ये गाना गाते हुए स्क्रीन पर दिखाई देती है, तो दर्शक झूम उठते हैं. गाने के बोल का मतलब क्या है, ये किसी को नहीं मालूम. लेकिन कविता कृष्णमूर्ति की आवाज और लक्ष्मीकांत प्यारेलाल के संगीत से सजा ये गाना सुनकर आज भी लोगों के पैर थिरकने लगते हैं.

याहू........चाहे कोई मुझे जंगली कहे

‘याहू' शब्द अब तो काफी लोकप्रिय हो गया है. मस्ती या उत्साह में ‘याहू' कहकर चिल्लाना बेहद आम है. लेकिन 1961 में जंगली फिल्म के गाने से पहले ‘याहू' शब्द का कोई मतलब नहीं था. लेकिन शम्मी कपूर ने मोहम्मद रफी की आवाज में जब से सिल्वर स्क्रीन पर याहू कहकर चिल्लाया, गाने के साथ ये शब्द भी अमर हो गया.

लारा लप्पा, लारा लप्पा, लाई रख दा...

1949 में आई फिल्म ‘एक थी लड़की' का ये गाना आज भी सुना जा सकता है और काफी कर्णप्रिय है. बोल कुछ ऐसे हैं ‘लारा लप्पा, लारा लप्पा, लाई रख दा... अडी टप्पा, अडी टप्पा, लाई रख दा...' भले ही इन बोलों का कोई अर्थ नहीं है, लेकिन गाना बेहद हिट रहा था.

यम्मा-यम्मा, यम्मा-यम्मा.... ये खूबसूरत समां

वैसे तो ‘यम्मा' शब्द का कोई अर्थ नहीं है, लेकिन यदि आर डी बर्मन इतना शानदार म्यूजिक बनाकर खुद मोहम्मद रफी जैसे लीजेंड के साथ गाने आ जाएं तो कुछ कमाल तो होगा ही. 1980 में अमिताभ, शशि कपूर, सुनील दत्त, शत्रुघ्न सिन्हा, परवीन बाबी जैसे सितारों से सजी रमेश सिप्पी की फिल्म का ये गाना खास हिट रहा था.

इसके अलावा फिल्म त्रिदेव का ‘ओए-ओए', ये दिल्लगी का ‘ओले-ओले' हो या फिर थानेदार फिल्म का ‘तम्मा-तम्मा लोगे...' हो. ऐसे गानों की लंबी फेहरिस्त हो सकती है. अगर हमसे कोई गाना छूट गया हो तो आप इस लिस्ट को और भी बढ़ा सकते हैं.

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