Top 5 Serial Killer Bollywood Movie: सीरियल किलिंग सस्पेंस और थ्रिलर बेस्ड फिल्मों के लिए पसंदीदा विषय रहा है. एक के बाद एक हत्याओं और उससे जुड़े रहस्य और रोमांच पर सिल्वर स्क्रीन पर उतारना फिल्मकारों के लिए चुनौती रही है. कई फिल्मकारों ने सीरियल किलिंग पर आधारित काल्पनिक और सच्ची दोनों ही प्रकार की घटनाओं को परदे पर बेहतरीन ढंग से उकेरा है. यहां हम सीरियल किलिंग पर आधारित ऐसी ही 5 बेहतरीन फिल्मों की चर्चा करेंगे.
गुमनाम
फ़िल्म ' गुमनाम' साल 1965 में आई एक सस्पेन्स थ्रिलर फ़िल्म थी जिसे ख़ूब सफलता मिली थी.ये उस दौर की फ़िल्म है जब इस तरह की सस्पेंस थ्रिलर फिल्में कम ही बना करती थीं. इस फ़िल्म की कहानी इतनी दिलचस्प थी कि फ़िल्म के अंत तक पता नहीं चलता कि लगातर हो रही हत्याओं का असली क़ातिल आख़िर है कौन ? राजा नवाथे निर्देशित इस फ़िल्म में कुछ लोग एक निर्जन टापू पर जाते हैं, जहां एक के बाद एक हत्याएं होना शुरू हो जाती हैं. फिल्म में इन हत्याओं के पीछे कौन है, ये दिलचस्पी आदमी को 3 घंटे सिनेमा हॉल में रोक कर रखती है.
जानी दुश्मन
साल 1979 में रिलीज हुई फिल्म जानी दुश्मन उस वक्त की सस्पेंस से भरपूर सीरियल किलिंग पर आधारित फिल्म थी. राजकुमार कोहली की इस फिल्म में कई बड़े कलाकार नज़र आये थे. फिल्म की कहानी एक राक्षस के बारे में है जो शादी के दिन दुल्हन का अपहरण कर के उनकी हत्या कर देता है. लाल जोड़े में गुजरने वाली हर दुल्हन का कत्ल हो जाता है लेकिन फिल्म में ये गेस कर पाना मुश्किल होता है कि आखिर वो सीरियल किलर है कौन? इस फ़िल्म का गाना 'चलो रे डोली उठाओ कहार' बेहद लोकप्रिय रहा है. एक के बाद एक दुल्हनों की हत्याएं कौन कर रहा है ये जानने में दर्शकों की रुचि बनी रहती है.
संघर्ष
साल 1999 में रिलीज हुई बॉलीवुड फिल्म संघर्ष एक साइकोलॉजिकल थ्रिलर फिल्म है. डायरेक्टर तनुजा चंद्रा की इस फिल्म में अक्षय कुमार और प्रीति जिंटा ने मुख्य किरदार निभाया है.वहीं फिल्म संघर्ष में आशुतोष राणा ने एक खूंखार सीरियल किलर की भूमिका निभाई है.सीरियल किलिंग पर आधारित इस फिल्म में आशुतोष राणा ने लज्जा शंकर का रोल निभाया था. फिल्में लज्जा शंकर का किरदार इतना खतरनाक था जिसे देख कर आज भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं.
कौन
फ़िल्म की कहानी एक तूफानी रात से शुरू होती है और तूफानी रात पर ही खत्म होती है. राम गोपाल वर्मा निर्देशित इस फ़िल्म में उर्मिला मातोंडकर और मनोज वाजपेयी लीड रोल में हैं. फ़िल्म में उर्मिला मांतोड़कर को एक डरी सहमी लड़की के रूप में दिखाया गया है जो खौफ में है जो अकेली महिलाओं की हत्या कर देता है. मनोज वाजपेयी उसके घर मे घुसने की कोशिश करता है, फ़िल्म में शुरू से लेकर आखिर तक उर्मिला एक विक्टिम दिखती है, लेकिन इस फ़िल्म में सस्पेंस से जब पर्दा उठता है तो पता चलता है कि फ़िल्म की असली सीरियल किलर कोई और नहीं बल्कि सीधी सी दिखने वाली उर्मिला मांतोडकर ही है.
रमन राघव 2.0
ये फिल्म एक सनकी और खौफनाक रियल सीरियल किलर पर बनी है. इस फिल्म में 40 से ज्यादा हत्याएं करने वाले रमन राघव का वीभत्स किरदार बड़े पर्दे पर उतारा गया है. अनुराग कश्यप इस फिल्म के डायरेक्टर और प्रोड्यूसर थे. 'रमन राघव' न कोई अंडरवर्ल्ड डॉन था ना ही कोई डकैत, न किसी गैंग का मास्टरमाइंड.वो एक मनोरोगी था जिसके सिर पर खून सवार था.उसे 'क्रोनिक पेरेनाइक सिज़ोफ्रेनिया' नाम की बीमारी थी.फिल्म में नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने किलर रमन राघव का रोल का निभाया है.
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