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This Article is From Dec 11, 2023

100 साल में जहां नहीं गए वहां शूट हुई थी ये हॉरर फिल्म, बनने में लग गए 6 साल, कमाई भी नहीं थी कम

एक फिल्म जिसके लिए कहा गया कि आप पूरी फिल्म के दरम्यान उससे नजर नहीं हटा सकेंगे. ऐसी फिल्म से क नहीं कई ऐसे दिलचस्प तथ्य जुड़े हैं जिनके बारे में सुनकर आप कहेंगे कि वाह, कितनी मेहनत की गई, जो आखिरकार सफल भी हुई.

100 साल में जहां नहीं गए वहां शूट हुई थी ये हॉरर फिल्म, बनने में लग गए 6 साल, कमाई भी नहीं थी कम
इस हॉरर फिल्म ने की बजट से ज्यादा कमाई
नई दिल्ली:

Tumbbad Horror Film Shot In Place That No One Visited In 100 Years: एक फिल्म जिसमें किसी बड़े सितारे ने दिलचस्पी नहीं ली, लेकिन उसका जलवा विदेशों तक में गूंजा. एक फिल्म जिसके लिए कहा गया कि आप पूरी फिल्म के दरम्यान उससे नजर नहीं हटा सकेंगे. ऐसी फिल्म से क नहीं कई ऐसे दिलचस्प तथ्य जुड़े हैं जिनके बारे में सुनकर आप कहेंगे कि वाह, कितनी मेहनत की गई, जो आखिरकार सफल भी हुई. ये फिल्म है सोहम शाह की तुंबाड मूवी. इस फिल्म में सोहम शाह अपनी बाकी फिल्में गुलाब गैंग, सिमरन और तलवारे के मुकाबले काफी अलग नजर आए. एक काल्पनिक गांव पर बनी इस फिल्म से जुड़े फैक्ट आपको आज भी चौंका सकते हैं.

खास थी शूटिंग की लोकेशन

फिल्म से जुड़े कई ऐसे फैक्ट्स हैं जो चौंकाने वाले हैं. फिल्म की शूटिंग के लिए मेकर्स को ऐसी जगह की तलाश थी जो थोड़ी रहस्यमय नजर आए. इसलिए वो लोकेशन चुनी गई जहां बीते सौ सालों से किसी ने भी शूटिंग के बारे में नहीं सोचा. इस फिल्म को पूरा बनने में छह साल का वक्त लगा. ये छह साल में फिल्म के मेन कैरेक्टर सोहम शाह ने अपने वजन पर इतना काबू रखा कि कंटिन्यूटी में कोई बदलाव नजर न आए. उन्होंने 18 किलो वजन बढ़ाया था और इसे पूरे छह साल तक मेंटेन रखा. पूरी कास्ट एंड क्रू की मेहनत की बदौलत मात्र 5 करोड़ में बनी इस फिल्म ने 13 करोड़ रु. से ज्यादा की कमाई की.

इस देव की है कहानी

तुंबाड मूवी हस्तार नाम के देवता पर आधारित है. ये ऐसे देव बताए गए हैं जो समृद्धि की देवी के बेटे हैं. इसके बाद 16 करोड़ देवी देवताओं का जन्म होता है. सबसे बड़े बेटे होने के नाते हस्तार देवी के प्रिय बेटे हैं लेकिन लालची भी हैं. जिन्हें देवी सोना या अन्न दोनों में से एक को चुनने का मौका देती हैं. हस्तार सोने के साथ साथ अन्न पर भी कब्जा जमाने की कोशिश करता है. ऐसे देव का मंदिर एक परिवार बनवा देता है. लेकिन उसके बाद उसे बहुत उतार चढ़ाव से गुजरना पड़ता है. ये भारत की पहली फिल्म है जो वेनिस इंटरनेशनल फिल्म क्रिटिक्स वीक में भी दिखाई गई.

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