स्ट्रगल के दिनों बस दो जोड़ी कपड़े थे इस हीरो के पास, सिंपल लुक देखकर लोग भी होते थे हैरान

तस्वीर देखकर आपने इन्हें पहचान तो लिया ही होगा. इनके कपड़ों से जुड़ा ये ट्रीविया भी बड़ा मजेदार है.

स्ट्रगल के दिनों बस दो जोड़ी कपड़े थे इस हीरो के पास, सिंपल लुक देखकर लोग भी होते थे हैरान

संजीव कुमार

नई दिल्ली:

संजीव कुमार को अपने करियर में एक अच्छी शुरुआत मिली...लेकिन उनकी राह बहुत लंबी थी और डायरेक्टर्स और प्रोड्यूसर्स से मिलने के लिए वो चेंबुर रेलवे स्टेशन से आरके स्टूडियो, भूलेश्वर से फेमस स्टूडियो, महालक्ष्मी से अंधेरी रेलवे स्टेशन तक पैदल चला करते थे. वे कभी थके नहीं...चलते रहे...यही वजह थी कि इंडस्ट्री में वो मुकाम हासिल किया जिस पर वो पहुंचना चाहते थे. आज जहां आप एक्टर्स के एक से बढ़कर एक कॉस्ट्यूम में देखते हैं. यहां तक कि स्ट्रगलर्स भी अपने स्टाइल पर इतना ध्यान देते हैं वहीं संजीव कुमार कुर्ता पायजामा पहना करते थे. वो भी उनके पास केवल दो  जोड़ी कुर्ता पायजामा थे.

सिर्फ दो जोड़ी कपड़ों से कैसे चलता था काम ?

रिपोर्ट में दावा किया जाता है कि वह हर रोज कपड़े धोया करते थे. एक दिन एक जोड़ी पहनते थे...फिर रात को उसे धो दिया करते थे...अगल दिन अगली जोड़ी कुर्ता पायजामा का नंबर आता था. आमतौर पर हीरो को आपने इस तरह के कपड़ों में नहीं देखा होगा लेकिन संजीव कुमार इसी तरह के कपड़े पहनते थे.

कैसे मिली पहली फिल्म ?

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फिल्मालय प्रोडक्श हाउस को अपनी फिल्म 'सात हिंदुस्तानी' के लिए एक अच्छे एक्टर की तलाश थी. रोल छोटा था लेकिन इसके बदले में पैसे मिलने वाले थे तो राम मुखर्जी के असिस्टेंट ने जब हरि यानी कि संजीव कुमार से बात की तो वो तुरंत राजी हो गए. पुलिस इंस्पेक्ट के रोल के लिए उन्हें हर शिफ्ट के 12 रुपये मिलने थे. कड़की के दिनों में कोई ऐसा ऑफर कैसे जाने दे सकता था... सो संजीव इस फिल्म का हिस्सा बन गए.