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158 मिनट की इस फिल्म में 57 मिनट के थे गाने, गदर और लगान के शोर में बजट के चार गुना की कमाई, नीं रोमांटिक म्यूजिकल हिट 

रोमांटिक ड्रामा फिल्म 'तुम बिन' को 24 साल पूरे हो गए हैं, जिसके चलते डायरेक्टर अनुभव सिन्हा ने इमोशनल पोस्ट शेयर किया है. 

158 मिनट की इस फिल्म में 57 मिनट के थे गाने, गदर और लगान के शोर में बजट के चार गुना की कमाई, नीं रोमांटिक म्यूजिकल हिट 
This 158 minute film had 57 minutes of songs : तुम बिन को हुए 24 साल पूरे
नई दिल्ली:

फिल्म निर्माता अनुभव सिन्हा की रोमांटिक डेब्यू फिल्म 'तुम बिन' को रिलीज हुए 24 साल पूरे हो गए हैं. साल 2001 में रिलीज हुई इस फिल्म से प्रियांशु चटर्जी ने डेब्यू किया था. जबकि संदली सिन्हा, हिमांशू मलिक और राकेश बापट लीड रोल में नजर आए थे. 158 मिनट की फिल्म में कुल 12 गाने थे, जो कि दर्शकों को बहुत पसंद आए और गाने आज भी क्लासिक गानों की लिस्ट में शामिल होते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि लगान और गदर के शोर में जहां सिनेमाघर पूरी तरह पैक्ड थे. इस फिल्म ने अपनी जगह फैंस के दिलों में बनाई और म्यूजिकल हिट बन गई. जबकि फिल्म में कोई भी ऐसी ध्यान खींचने वाली कास्ट मौजूद नही थी. 

IMdb के मुताबिक, तुम बिन ने पहले दिन कम ओपनिंग हासिल की थी. लेकिन वर्ड ऑफ माउथ के जरिए सिनेमाघरों में दर्शकों की भीड़ लगने लगी. वहीं फिल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट साबित हुई. यह कमर्शियल सक्सेस साबित हुई और 2 करोड़ के बजट में 8.28 करोड़ की कमाई अपने नाम की. वहीं इसके गाने छोटी छोटी रातें, देखते ही देखते, कोई फरियाद, मेरी दुनिया में , तेरे सिवा और प्यार होने लगा गाने आज भी फैंस सुनते नजर आते हैं. 

 अपनी डेब्यू फिल्म तुम बिन के 24 साल पूरा होने पर डायरेक्टर अनुभव सिन्हा ने इंस्टाग्राम पर एक प्यारा सा मैसेज लिखा. उन्होंने बताया कि जब उन्होंने 'तुम बिन' फिल्म बनाना शुरू किया था, तो उनके पास कोई बड़ा प्लान नहीं था, बस एक इमोशन से भरी कहानी थी, जिसे वह दुनिया तक पहुंचाना चाहते थे. उन्होंने लिखा, "आज 'तुम बिन' को 24 साल हो गए हैं. मुझे तब यह नहीं पता था कि हिट और फ्लॉप क्या होता है. मेरे पास सिर्फ एक कहानी थी और एक प्रोड्यूसर. बाकी सब धीरे-धीरे होता गया. हमारी टीम एक छोटी सी सेना की तरह थी. हर कोई हर काम कर रहा था. खाना मिला या नींद आई, इससे फर्क नहीं पड़ता था. सभी फिल्म बनाने में लगे थे. फिल्में ऐसे ही बनती थीं और उन्हें ऐसे ही बनना चाहिए. खुला दिल, खुला आसमान- उड़ो। उड़ने के लिए कोई नियम नहीं होते."

आगे अनुभव सिन्हा ने लिखा, "कोई फिल्म शुक्रवार को सफल या असफल नहीं होती. फिल्म का सफर वक्त के साथ चलता है. उसे कितने सालों तक लोग याद रखते हैं, यही कला का असली सफर है। यह 20 मिनट की मेकिंग वीडियो है. अगर आपके पास समय हो, तो जरूर देखिए. इसे इसलिए मत देखना कि फिल्म कैसे बनी, बल्कि इसलिए देखना कि उस वक्त हम सबके दिल में जीतने या हारने का कोई डर नहीं था."

अनुभव सिन्हा ने अपनी पोस्ट के आखिर में प्रोड्यूसर भूषण कुमार का शुक्रिया अदा करते हुए लिखा, ''भूषण कुमार जी का धन्यवाद और उस दौर का भी जब प्रोड्यूसर पूरे भरोसे से फिल्में बनाते थे. ऐसे लोग अब कहां चले गए? वे सभी निर्माता जिन्होंने नब्बे के दशक में फिल्में बनाईं और अब नहीं बना रहे हैं, उन्हें वापस आना चाहिए. प्रोड्यूसर्स को फिर से फिल्में बनानी चाहिए. धन्यवाद भूषण जी और उन सभी प्रोड्यूसर्स को जो अपने डायरेक्टर्स पर विश्वास करते हैं. दर्शक आज भी वैसे ही हैं.''

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