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शाहरुख खान 22 साल पहले नहीं बनते 'देवदास', किरदार को नहीं मानते थे आदर्श लेकिन संजय लीला भंसाली ने यूं किया था किंग खान को राजी

साल 2002 में रिलीज हुई हिट फिल्म देवदास को पहले शाहरुख खान ने रिजेक्ट कर दिया था. लेकिन संजय लीला भंसाली की एक बात सुनकर राजी हो गए थे किंग खान.

शाहरुख खान 22 साल पहले नहीं बनते 'देवदास', किरदार को नहीं मानते थे आदर्श लेकिन संजय लीला भंसाली ने यूं किया था किंग खान को राजी
Devdas Movie के लिए संजय लीला भंसाली ने यूं किया शाहरुख खान को राजी
नई दिल्ली:

साल 2002 में रिलीज हुई शाहरुख खान, माधुरी दीक्षित, ऐश्वर्या राय बच्चन और जैकी श्रॉफ की फिल्म 'देवदास' अपनी रिलीज के दो दशक बाद भी दर्शकों के जहन में बसी हुई है और इसे संजय लीला भंसाली की बेहतरीन फिल्मों में से एक माना जाता है. रोमांटिक ड्रामा में देवदास का किरदार निभाने वाले शाहरुख खान, जिन्होंने अपनी एक्टिंग से फैंस का दिल जीत लिया. उन्होंने बताया कि कैसे पहले इस कहानी के लिए "ना" कह दिया था. दरअसल, रविवार को लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल के 77वें संस्करण में 'देवदास' के बारे में बात करते हुए शाहरुख ने कहा, "यह एक बहुत ही खास फिल्म है. देवदास वह फिल्म थी, जिसे मेरी मां देखना पसंद करती थीं, मेरे पिता भी इसके बारे में बात करते थे. यह दिलीप कुमार के साथ सबसे बेहतरीन क्लासिक फिल्मों में से एक है. देश में इसे कई बार रीमेक किया गया है और यह एक ऐसे लड़के के बारे में है, जो शराबी है, किसी लड़की से वादा नहीं करता, फिर चला जाता है. मुझे अपनी उम्र में इसमें कोई सार नहीं मिला.'

आगे उन्होंने कहा, कई साल बाद जब संजय लीला भंसाली, जो मुझे लगता है कि हमारे समय के सबसे प्रतिभाशाली फिल्म निर्माताओं में से एक हैं, मेरे पास आए और कहा, मैं चाहता हूं कि आप देवदास करें. मैंने कहा, नहीं, वह एक असफल व्यक्ति है, एक शराबी है. मैं देवदास बनने के लिए बहुत कूल हूं! इसलिए, यह बात खत्म हो गई, और फिर जाने से पहले, उन्होंने बस एक बात कही, जो आज भी मेरे दिमाग में है. उन्होंने कहा, 'मैं यह फिल्म तुम्हारे अलावा किसी के साथ नहीं बनाऊंगा, क्योंकि तुम्हारी आंखें देवदास जैसी हैं.' तो मैंने कहा, ठीक है. उन्होंने कहा, 'मैं किसी को भी कास्ट नहीं करूंगा.' और एक साल तक उन्होंने ऐसा नहीं किया. फिर हम फिर मिले, और मैंने कहा, 'ठीक है, अगर तुम्हें मेरी जैसी आंखें नहीं मिलती हैं, तो मैं फिल्म करूंगा. फिर से, मुझे ऐश्वर्या राय और माधुरी दीक्षित, जैकी श्रॉफ के साथ काम करने का सौभाग्य मिला. यह किरदार निभाना मेरे जीवन के सबसे शानदार अनुभवों में से एक था."

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शाहरुख ने यह भी कहा कि वह नहीं चाहते कि कोई भी देवदास को अपना आदर्श माने, भले ही उसका अभिनय अच्छा रहा हो. उन्होंने कहा, "मुझे ऐसे किरदार निभाना पसंद नहीं है जो महिलाओं का अपमान करते हों. मैं ईमानदारी से कहूंगा. मैं नहीं चाहता था कि फिल्म में उन्हें इस वजह से पसंद किया जाए कि वह एक महिला हैं और उनसे कोई वादा नहीं करते. मैं चाहता था कि वह एक ऐसे व्यक्ति के रूप में सामने आएं जो थोड़ा रीढ़विहीन है. यह कोई ऐसा व्यक्ति नहीं है, जिसे आप आदर्श मानें. हां, अभिनय अच्छा हो सकता है. मुझे लगता है कि भंसाली ने फिल्म को वाकई खूबसूरती से बनाया है. आप ड्रामा में खो जाते हैं और जब कोई इसे देखेगा तो उसे मजा आएगा. मुझे नहीं लगता कि कोई भी देवदास बनना चाहेगा. यह मजेदार है लेकिन यह ऐसा किरदार नहीं है जिसे आप घर वापस ले जा सकें."

गौरतलब है कि लोकार्नो ट्रिब्यूट के हिस्से के रूप में, महोत्सव में शाहरुख खान की 2002 की हिट फिल्म देवदास भी दिखाई जा रही है, जिसे संजय लीला भंसाली ने निर्देशित किया है. देवदास के रूप में शाहरुख, पारो के रूप में ऐश्वर्या और चंद्रमुखी के रूप में माधुरी, तीनों ने एक बेहतरीन अभिनय किया, जिसने दर्शकों के दिलों को छू लिया. अन्य अहम किरदारों में किरण खेर, जैकी श्रॉफ, स्मिता जयकर और जया भट्टाचार्य सभी ने फिल्म में सराहनीय काम किया.

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