एक दौर था जब साउथ फिल्मों की रीमेक को बॉलीवुड में सफलता की गारंटी माना जाता था. फिर सलमान खान की वॉन्टेड और अक्षय कुमार की राउडी राठौर और अजय देवगन की सिंघम भी साउथ की ही रीमेक थीं, जिन्होंने इन बॉलीवुड सितारों की तकदीर को ही बदलकर रख दिया था. लेकिन अगर पिछले कुछ समय के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो साउथ की हिंदी रीमेक अब सफलता की गारंटी नहीं रही है. अब ऐसा नहीं है कि साउथ की सुपरहिट फिल्म को हिंदी में बनाओगे और हिट जाओगे. तभी तो कार्तिक आर्यन और अक्षय कुमार की फिल्में बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह पस्त रही हैं.
फिल्म एक्सपर्ट मानते हैं कि साउथ की फिल्में अपने अलग विषयों की वजह से दर्शकों को खूब पसंद आ रही हैं. फिर उन्हें हिंदी में भी रिलीज किया जा रहा है. जिस वजह से दर्शक उन्हें खूब पसंद कर रहे हैं. लेकिन जब वही फिल्में हिंदी में बनती हैं तो उस तरह का ट्रीटमेंट उनके साथ नहीं हो पाता है. फिर बॉलीवुड टच की वजह से यह फिल्में दर्शकों के दिलों में उतरने से चूक जाती हैं.
यह नहीं, ओटीटी प्लेटफॉर्मों के आने से भी बड़ा असर पड़ रहा है. कंटेंट की भरमार हो चुकी है और दर्शकों के पास अब ढेरों ऑप्शन मौजूद हैं. ऐसे में वह उस तरह के कंटेंट से दूरी बनाकर रखते हैं जो उनमें किसी तरह का उत्साह जगाता हो. साउथ की आने वाली फिल्मों पर नजर डालें तो विषय और ट्रीटमेंट की वजह से भी वह एकदम अलग हैं. जबकि बॉलीवुड में अब भी रटे-रटाए विषयों पर ही फोकस किया जा रहा है.
साल 2022 में अगर साउथ की फ्लॉप रीमेक फिल्मों की बात करें तो उसमें अक्षय कुमार की बच्चन पांडे, विक्रम वेधा, जर्सी, हिट द फर्स्ट केस और निकम्मा जैसी फिल्में के नाम आते हैं. जबकि 2023 की शहजादा और सेल्फी बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हो चुकी हैं. अभी अजय देवगन की भोला और आदित्य रॉय कपूर की गुमराह के अलावा भी कई साउथ की रीमेक बॉक्स ऑफिस पर आना बाकी हैं. लेकिन बिना कुछ नया दिए सफलता की गारंटी मुश्किल ही है.
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