
संजय कपूर और महीप कपूर की बेटी, यानी अनिल कपूर की भतीजी, शनाया कपूर के फिल्मों में डेब्यू की चर्चा काफी समय से हो रही थी. आखिरकार अब उनकी फिल्म ‘आंखों की गुस्ताखियां' रिलीज के लिए तैयार है. इस फिल्म में विक्रांत मैसी उनके सह-कलाकार हैं और शनाया खुश हैं कि “देर से ही सही, लेकिन अच्छा हुआ.” जब उनसे पूछा गया की आपके डेब्यू की खबरें तो काफी समय से चल रही थीं. फिर इसमें इतनी देरी क्यों हुई? तो उन्होंने जवाब दिया, “जब डेब्यू की बात हो रही थी तभी कोविड आ गया, जिसकी वजह से देरी हुई.”
उन्होंने आगे कहा, “वो समय बहुत संघर्षभरा था. एक ऑडिशन जो मैंने किसी और फिल्म के लिए रिकॉर्ड किया था, उसे ‘आंखों की गुस्ताखियां' के निर्देशक संतोष सिंह ने देखा और उन्हें पसंद आ गया. घर में स्क्रिप्ट पर चर्चा हुई और सबने कहा कि यही फिल्म करनी चाहिए. आजकल कहां ऐसे किरदार लिखे जाते हैं या करियर की शुरुआत में कहां ऐसे रोल मिलते हैं.”
बातचीत के दौरान जब उनसे पूछा गया कि “ये किसने कहा था?” तो उन्होंने बताया, “जान्हवी ने.” यहां वो अपनी चचेरी बहन और अभिनेत्री जान्हवी कपूर की बात कर रही थीं. बात को आगे बढ़ाते हुए विक्रांत मैसी ने कहा,
“ये कह रही हैं कि घर में लोगों ने सलाह दी, लेकिन मैं बताना चाहता हूं कि ये बहुत समझदार लड़की हैं, बहुत परिपक्व हैं.”
‘आंखों की गुस्ताखियां' 11 जुलाई को रिलीज हो रही है. इस फिल्म में विक्रांत एक नेत्रहीन व्यक्ति का किरदार निभा रहे हैं, जबकि शनाया एक थिएटर अभिनेत्री की भूमिका निभा रही हैं. फिल्म के लिए कलाकारों ने ब्लाइंड एसोसिएशन से संपर्क किया और जाना कि नेत्रहीन व्यक्ति की सोच और मुश्किलें क्या होती हैं. किरदार में असलियत लाने के लिए विक्रांत ने आंखों में लेन्स भी लगाए थे जिनसे उन्हें सिर्फ एक धुंधली सी आकृति दिखती थी.
ये फिल्म रस्किन बॉन्ड की एक कहानी से प्रेरित है, जिसका नाम ‘द आइज हैव इट' है. कहानी में फिल्म के दोनों मुख्य किरदार एक रेल यात्रा के दौरान मिलते हैं.
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