
बॉलीवुड के कई ऐसे किस्से आपने सुने होंगे, जिसमें किसी फिल्म को एक्टर्स रिजेक्ट कर देते हैं और फिर जिसकी झोली में ये फिल्म जाती है वो उसके करियर के लिए सबसे बेस्ट फिल्म साबित होती है. संजय दत्त के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था. उन्होंने कई बड़ी फिल्मों में काम किया है और आज बॉलीवुड में संजय दत्त एक बड़ा नाम है. उनके करियर में जब कुछ ठीक नहीं चल रहा था तो एक फिल्म ने उसे किक देने का काम कर दिया. इस फिल्म का नाम मुन्ना भाई एमबीबीएस था.
करियर को मिली नई शुरुआत
दरअसल 1993 के मुंबई बम विस्फोट मामले में संजय दत्त को मिली सजा के बाद उनके करियर में काफी ठहराव आ गया था. तभी राजकुमार हिरानी के डायरेक्शन में बनी फिल्म मुन्ना भाई एमबीबीएस एक बड़ी हिट साबित हुई और इसने संजय दत्त के करियर को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया, जिन्होंने इसकी रिलीज के बाद फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
लागत से कई गुना ज्यादा की कमाई
मुन्ना भाई एमबीबीएस का कुल बजट 12 करोड़ रुपये था, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर इस फिल्म ने 33 करोड़ रुपये की जबरदस्त कमाई की थी. साथ ही 2004 में बेस्ट फिल्म के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार सहित कुल 20 अवॉर्ड जीते. मुन्ना भाई एमबीबीएस में सुनील दत्त भी दिखाई दिए थे. फिल्म में ग्रेसी सिंह, जिमी शेरगिल, अरशद वारसी, रोहिणी हट्टंगड़ी और बोमन ईरानी ने ने अहम रोल निभाया था.
संजय दत्त नहीं थे पहली पसंद
अब इस फिल्म की शुरुआती कहानी के बारे में बताएं तो राजकुमार हिरानी ने जब इसकी पहली बार स्क्रिप्ट तैयार की थी, तो संजय दत्त कहीं भी उनकी लिस्ट में नहीं थे. राजकुमार हिरानी ने सबसे पहले आर माधवन से फिल्म का लीड रोल करने के लिए कहा था, लेकिन माधवन ने ये रोल करने से इनकार कर दिया. उनके बाद अनिल कपूर और विवेक ओबेरॉय को भी फिल्म ऑफर हुई, लेकिन दोनों से भी बात नहीं बनी. इसके बाद ये तय हुआ कि संजय दत्त जहीर का रोल करेंगे और लीड रोल यानी मुन्ना शाहरुख खान बनेंगे. हालांकि शाहरुख खान को तब कमर में दिक्कत थी, जिसके चलते वो फिल्म से बाहर हो गए. आखिरकार संजय दत्त ने मुन्ना यानी लीड रोल किया और फिल्म सुपरहिट साबित हुई.
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