Serious Men Review: नवाजुद्दीन सिद्दीकी (Nawazuddin Siddiqui) ने एक ख्वाब 20 साल पहले देखा था और वह अब जाकर पूरा हुआ. सुधीर मिश्रा (Sudhir Mishra) के साथ काम करने का उनका ख्वाब था, और इसे उन्होंने 'सीरियस मैन (Serious Man)' के साथ पूरा भी कर लिया है. लेकिन यह कहना किन्हीं मायनों में गलत नहीं होगा कि 20 साल के इंतजार का फल मीठा ही निकला है. 'सीरियस मैन' इसी नाम से मनु जोसफ (Manu Joseph) की किताब पर आधारित फिल्म है. 'सीरियस मैन' नेटफ्लिक्स (Netflix) पर 2 अक्तूबर को रिलीज हौगी.
'सीरियस मैन (Serious Men)' की कहानी नवाजुद्दीन सिद्दीकी (Nawazuddin Siddiqui) की है जिसकी पूरी जिंदगी संघर्ष करते हुए गुजर रही है. वह एक रिसर्च इंस्टिट्यूट में असिस्टेंट के तौर पर काम करता है और तंग हालात में रहता है. लेकिन वह चाहता है कि जिस तरह का जीवन उसने जिया है, वैसा जीवन उसके बेटे को नहीं जीना पड़े. फिर एक दिन पता चलता है कि उसका दस साल का बेटा मैथ का जीनियस है. इस तरह नवाजुद्दीन सिद्दीकी को अपनी जिंदगी बदलती हुई लगती है. लेकिन इस बात के पीछे भी एक सच है और नवाजुद्दीन सिद्दीकी के कैरेक्टर की भी एक कहानी है. इस तरह सुधीर मिश्रा का डायरेक्शन और कहानी कहने का अंदाज दोनों बढ़िया है.
एक्टिंग की बात करें तो नवाजुद्दीन सिद्दीकी (Nawazuddin Siddiqui) एक बार फिर पूरी तरह से कामयाब रहे हैं. उन्होंने मणि के किरदार को पूरी शिद्दत के साथ निभाया है. नवाजुद्दीन का यह कैरेक्टर भी बहुत ही सशक्त तरीके से सामने आता है. नासर, इंदिरा तिवारी और अक्षत दास ने भी अपने किरदारों को मजबूती के साथ निभाया है.
रेटिंगः 3.5/5 स्टार
डायरेक्टरः सुधीर मिश्रा
कलाकारः नवाजुद्दीन सिद्दीकी, नासर, इंदिरा तिवारी और अक्षत दास
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