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सीनियर एक्ट्रेस का छलका दर्द, बोली हमारे बच्चे एक्टिंग में ग्रेजुएट हैं उन्हें बॉलीवुड में कोई मौका नहीं मिला...

सीमा ने बॉलीवुड में नेपोटिज्म पर चुप्पी तोड़ी है. सीमा ने कहा, "हमारे बच्चे एक्टिंग ग्रेजुएट हैं, थिएटर से ट्रेन्ड हैं, फिर भी उन्हें बॉलीवुड में कोई मौका नहीं मिला.

सीनियर एक्ट्रेस का छलका दर्द, बोली हमारे बच्चे एक्टिंग में ग्रेजुएट हैं उन्हें बॉलीवुड में कोई मौका नहीं मिला...
सीमा पाहवा ने शेयर की दिल की बातें
नई दिल्ली:

बॉलीवुड की सीनियर एक्ट्रेस सीमा पाहवा अपने कारियर की शुरुआत से ही पॉपुलर रही हैं. सीमा ने दूरदर्शन के सबसे पॉपुलर टीवी शो में से एक  ‘हम लोग' से एक्टिंग दुनिया में कदम रखा था. इससे पहले वे दिल्ली के थिएटर सर्कल में एक्टिव रहती थीं और उनका नाम बेहतरीन एक्टर्स में आता था. यहीं पर उनकी मुलाकात अपने पति और पॉपुलर एक्टर मनोज पाहवा से हुई थी. सीमा ने बीते सालों बॉलीवुड में कई नई एक्ट्रेस के साथ काम किया है और इस ही के बारे में सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वे किसी भी बड़ी एक्ट्रेस को एक्टिंग नहीं सिखाएंगी, क्या वजह है इसके पीछे और क्या है पूरी कहानी आइए जानते हैं. 

बॉलीवुड ठिकाना के साथ इंटरव्यू में सीमा ने बॉलीवुड में नेपोटिज्म पर चुप्पी तोड़ी है. सीमा ने कहा, "हमारे बच्चे एक्टिंग ग्रेजुएट हैं, थिएटर से ट्रेन्ड हैं, फिर भी उन्हें बॉलीवुड में कोई मौका नहीं मिला. वे आज के सिस्टम को देखकर कहते हैं कि हमने जो सिखाया उसका अब कोई मूल्य नहीं है. वे अफसोस करते हैं कि हमने उन्हें एक्टर बनाया, स्टार नहीं. हमने उनसे कहा कि और ट्रेनिंग करो, थिएटर करो, और वे कर भी रहे हैं, लेकिन फिर भी वे कहीं नहीं पहुंच पा रहे हैं."

सीमा ने यह भी साफ किया कि वह नेपोटिज़्म के खिलाफ नहीं हैं. उन्होंने कहा, "मैं क्यों कहूं कि स्टार किड्स को फिल्मों में नहीं आना चाहिए. जैसे मैं अपने बच्चों को आगे बढ़ते देखना चाहती हूं. वैसे ही बाकी लोग भी अपने बच्चों से उम्मीद रखते हैं."

"FTII या NSD जैसे संस्थानों से निकले कई कलाकार हैं फिर भी उन्हें फिल्मों में क्यों नहीं लिया जाता? मैं एक ऐसे व्यक्ति को जानती हूं जो एक्टिंग का ग्रेजुएट था और थिएटर आर्टिस्ट भी था, लेकिन काम ना मिलने के कारण उसने एक्टिंग छोड़ दी और शहर छोड़कर चला गया."

 "जब पहले से ट्रेंड एक्टर्स हैं तो फिर बिना सीखे लोगों को फिल्मों में क्यों लिया जाता है और फिर उन्हें एक्टिंग सिखाने पर पैसा क्यों खर्च किया जाता है? असली टैलेंट को मौका क्यों नहीं दिया जाता? नए क्या लेकर आएंगे जो खुद एक्टिंग नहीं जानते? पैसा क्यों बर्बाद करना?"

 "जो कलाकार सच में कठिनाइयों से यहां तक पहुंचे हैं, उनके पास खुद को 'ग्रूम' करने के लिए पैसे नहीं होते. वे शायद बहुत खूबसूरत ना हों, लेकिन वे बेहद टैलेंटेड होते हैं."

 "वे कलाकार जो मेहनत करते हैं, उनके माता-पिता भी उन पर पैसे खर्च करते हैं. फिर भी जब उन्हें मौका नहीं मिलता तो वे अपराधबोध में आकर कोई और नौकरी कर लेते हैं, लेकिन उनके भीतर का एक्टर कभी नहीं मरता. पर हां, अब इस बात को घुमा-फिराकर कहने का कोई मतलब नहीं है आज हमारी इंडस्ट्री आर्ट के बारे में नहीं रही, यह अब पूरी तरह से बिजनेस बन गई है."

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