सचिन तेंदुलकर (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले भारत के पूर्व क्रिकेटर व मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का आज 45वां जन्मदिन है. उनका भारतीय क्रिकेट में योगदान ऐसा रहा कि देश का सबसे लोकप्रिय खेल क्रिकेट बन चुका है. उन्होंने देश के लिए खेलते हुए ऐसे कई रिकॉर्ड बनाए, जिन्हें आज तक कोई भी तोड़ नहीं सका है. दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर पर पिछले साल डॉक्यूड्रामा फिल्म भी आ चुकी है, जिसमें उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी के बारे में पिरोकर बतला दिया. 'सचिन : ए बिलियन ड्रीम्स' के जरिए उन्होंने कई संदेश दिए. उन्होंने कहा कि वह जो कुछ हैं उनके माता-पिता ने उन्हें दिया.
जैसी मेरे पिता ने दी वैसी ही स्वतंत्रता अपने बच्चों को देना चाहता हूं : सचिन तेंदुलकर
फिल्म में सचिन ने कहा, 'मेरे पिता ने मुझे मेरा पसंदीदा खेल खेलने की स्वतंत्रता दी. यह स्वतंत्रता बिना किसी उम्मीद के थी. उनकी मुझसे बस एक उम्मीद थी कि मैं जो भी खेल खेलूं जो भी पेशा चुनूं उसमें शॉर्टकट्स न ढूंढू और अपना सर्वश्रेष्ठ दूं. परिणाम अपने आप आएंगे.' सचिन ने कहा, 'उन्होंने मुझसे कहा था कि शॉर्टकट्स से हासिल की गई सफलता ज्यादा देर तक नहीं रहती. लेकिन अगर आप सही रास्ता चुनते हैं तो इससे अलग तरह की संतुष्टि मिलेगी और वो तुम्हारे साथ लंबे समय तक रहेगी.' अपने पिता की इस बात को सचिन ने तब याद किया जब उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया.
फिल्म 'सचिन: ए बिलियन ड्रीम्स' रिलीज के दौरान सचिन ने ट्विटर पर फैन्स के साथ एक वीडियो साझा किया था और लिखा था, ''भाई जैसा कोई दोस्त नहीं. अजीत, हमेशा मेरा साथ देने के लिए धन्यवाद.''
क्रिकेट में भगवान का दर्जा पा चुके सचिन की विदाई क्रिकेट जगत में लंबे समय तक याद रहने वाला पल है. पूरा हिंदुस्तान ही नहीं उनकी विदाई पर पूरा क्रिकेट जगत अपने पांव पर खड़ा हो गया था और विपक्षी टीम वेस्टइंडीज की टीम के खिलाड़ी भी भावुक हो गए थे. सचिन ने कहा, "जिस तरह की विदाई मुझे मिली है.. वो अनुभव मेरे साथ लंबे समय तक रहेगा. वो अनुभव विशेष था. आप नहीं सोच सकते की आपके लिए लोगा इतना कुछ करेंगे.'
VIDEO: जानिए कैसी है 'सचिन ए बिलियन ड्रीम्स'
...और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें...
जैसी मेरे पिता ने दी वैसी ही स्वतंत्रता अपने बच्चों को देना चाहता हूं : सचिन तेंदुलकर
फिल्म में सचिन ने कहा, 'मेरे पिता ने मुझे मेरा पसंदीदा खेल खेलने की स्वतंत्रता दी. यह स्वतंत्रता बिना किसी उम्मीद के थी. उनकी मुझसे बस एक उम्मीद थी कि मैं जो भी खेल खेलूं जो भी पेशा चुनूं उसमें शॉर्टकट्स न ढूंढू और अपना सर्वश्रेष्ठ दूं. परिणाम अपने आप आएंगे.' सचिन ने कहा, 'उन्होंने मुझसे कहा था कि शॉर्टकट्स से हासिल की गई सफलता ज्यादा देर तक नहीं रहती. लेकिन अगर आप सही रास्ता चुनते हैं तो इससे अलग तरह की संतुष्टि मिलेगी और वो तुम्हारे साथ लंबे समय तक रहेगी.' अपने पिता की इस बात को सचिन ने तब याद किया जब उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया.
फिल्म 'सचिन: ए बिलियन ड्रीम्स' रिलीज के दौरान सचिन ने ट्विटर पर फैन्स के साथ एक वीडियो साझा किया था और लिखा था, ''भाई जैसा कोई दोस्त नहीं. अजीत, हमेशा मेरा साथ देने के लिए धन्यवाद.''
There is no buddy like a brother!! Thank you for all your support over the years, Ajit. Watch the full video on 100MB. #SachinABillionDreams pic.twitter.com/fbjOOLkY2f
— Sachin Tendulkar (@sachin_rt) May 20, 2017
क्रिकेट में भगवान का दर्जा पा चुके सचिन की विदाई क्रिकेट जगत में लंबे समय तक याद रहने वाला पल है. पूरा हिंदुस्तान ही नहीं उनकी विदाई पर पूरा क्रिकेट जगत अपने पांव पर खड़ा हो गया था और विपक्षी टीम वेस्टइंडीज की टीम के खिलाड़ी भी भावुक हो गए थे. सचिन ने कहा, "जिस तरह की विदाई मुझे मिली है.. वो अनुभव मेरे साथ लंबे समय तक रहेगा. वो अनुभव विशेष था. आप नहीं सोच सकते की आपके लिए लोगा इतना कुछ करेंगे.'
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