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This Article is From Feb 11, 2019

Promise Day Shayari: प्रॉमिस डे पर अपने Valentine से करना है कोई वादा तो पढ़ लें ये 'घनघोर इश्क' वाली शायरी

Promise Day Shayari: प्रॉमिस डे (Promise Day) आज है, यानी वैलेंटाइन वीक (Valentine Week)  का पांचवां दिन. इस दिन इश्क को ताउम्र निभाने का वादा किया जाता है. वैलेंटाइन्स डे (Valentine's Day 14 February) से पहले आने वाले प्रॉमिस डे का अपना महत्व है

Promise Day Shayari: प्रॉमिस डे पर अपने Valentine से करना है कोई वादा तो पढ़ लें ये 'घनघोर इश्क' वाली शायरी
Happy Promise Day: 11 फरवरी को आता है प्रॉमिस डे (Promise Day)
नई दिल्ली:

प्रॉमिस डे (Promise Day) आज है, यानी वैलेंटाइन वीक (Valentine Week)  का पांचवां दिन. 11 फरवरी को प्रॉमिस डे (Promise Day) आता है. इस दिन इश्क को ताउम्र निभाने का वादा किया जाता है. वैलेंटाइन्स डे (Valentine's Day 14 February) से पहले आने वाले प्रॉमिस डे (Promise Day) का अपना महत्व है क्योंकि प्रेम में सबसे जरूरी वादा है और अगर वादा न निभाया जाए तो इश्क ही क्या. वैलेंटाइन वीक (Valentine Week) के अब हग डे (Hug Day) 12 फरवरी, किस डे (Kiss Day) 13 फरवरी रह गए हैं और 14 फरवरी को वैलेंटाइन्स डे (Valentine's Day) आ जाएगा. वैलेंटाइन्स डे (Valentines Day) के मौके पर शेरो शायरी (Valentine's Day Shayari) बड़े काम की चीज है. प्रॉमिस डे (Promise Day Shayari) पर शायरी के तो कहने ही क्या. उर्दू के शायरों ने जमकर अपने गुबार निकाले हैं. मिर्जा ग़ालिब (Mirza Ghalib Shayari), जौन एलिया, गुलज़ार (Gulzar Shayari) और दाग़ देहलवी जैसे उर्दू के महान शायरों के शेर. से बेहतरीन कुछ और नहीं हो सकता. इस शायरी को Facebook और Whatsapp पर भी भेजा सकता है.

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Happy Promise Day 2019:  प्रॉमिस डे (Promise Day Shayari) पर उर्दू के महान शायरों की शायरीः

तिरे वादे पर जिए हम तो ये जान झूट जाना 
कि ख़ुशी से मर न जाते अगर ए'तिबार होता 
मिर्ज़ा ग़ालिब

आदतन तुम ने कर दिए वादे 
आदतन हम ने ए'तिबार किया 
गुलज़ार

अब तुम कभी न आओगे यानी कभी कभी 
रुख़्सत करो मुझे कोई वादा किए बग़ैर 
जौन एलिया

वफ़ा करेंगे निबाहेंगे बात मानेंगे 
तुम्हें भी याद है कुछ ये कलाम किस का था 
दाग़ देहलवी

तेरे वादे को कभी झूट नहीं समझूँगा 
आज की रात भी दरवाज़ा खुला रक्खूँगा 
शहरयार

आप ने झूटा व'अदा कर के 
आज हमारी उम्र बढ़ा दी 
कैफ़ भोपाली

आप तो मुँह फेर कर कहते हैं आने के लिए 
वस्ल का वादा ज़रा आँखें मिला कर कीजिए 
लाला माधव राम जौहर

इन वफ़ादारी के वादों को इलाही क्या हुआ 
वो वफ़ाएँ करने वाले बेवफ़ा क्यूँ हो गए 
अख़्तर शीरानी

एक इक बात में सच्चाई है उस की लेकिन 
अपने वादों से मुकर जाने को जी चाहता है 
कफ़ील आज़र अमरोहवी

...और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें...

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