
नई दिल्ली:
विवादों के बीच घिरी संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' के लिए अच्छी खबर आई है. सुप्रीम कोर्ट ने इस फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने के लिए दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फिल्म प्रमाणन के लिए सेंसर बोर्ड के पास पर्याप्त दिशा-निर्देश हैं. इस याचिका में फिलहाल फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभी तक सेंसर बोर्ड ने फिल्म को सर्टिफिकेट नहीं दिया है. नियमों व गाइलाइन्स के मुताबिक सेंसर बोर्ड को इस पर फैसला करना है. इसलिए सुप्रीम कोर्ट सेंसर बोर्ड के अधिकार से पहले इसमें सुनवाई नहीं करेगा. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसल के बाद इस फिल्म की तकदीर की गेंद अब सेंसर बोर्ड के पाले में चली गई है. इस फिल्म को लेकर राजस्थान के राजपूती समाज से लेकर कई जगह से विरोध के स्वर उठ रहे हैं.
यह भी पढ़ें: Video: 'पद्मावती और अलाउद्दीन खिलजी में ड्रीम सीक्वेंस.. यह अफवाह है': भंसाली
याचिकाकर्ता सिद्धराज सिंह चूडास्मा आदि ने इस बात की आशंका जताई कि फिल्म में अलाउद्दीन खिलजी और पद्मावती के चरित्र को जिस तरह दिखाया गया है वो राजपूत समाज को आहत करने वाला हो सकता है. ऐसे में समाज के लोगों को इस बात का मौका मिलना चाहिए कि वो फिल्म को रिलीज से पहले देख सकें. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट पहले एक स्क्रीनिंग कमेटी बनाए जो फिल्म को देखे. 
इस याचिका में ये भी आरोप लगाया गया था कि डायरेक्टर ने इसे बनाने में कुछ ज्यादा ही स्वतंत्रता ली है और तथ्यों के साथ छेड़छाड़ किया है. याचिका में कहा गया कि फिल्म के गाने में रानी पद्मावती घूमर डांस करती नजर आ रही हैं, जबकि राजघराने की रानियां घमूर और ठुमके नहीं लगाती थीं. इसके साथ ही दीपिका के कॉस्टयूम पर भी सवाल उठाया गया है. इस याचिका में कहा गया है कि पद्मावती के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लेने के बाद ही फिल्म को रिलीज किया जाए. भाजपा विधायक राज पुरोहित ने भी केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) और केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी को पत्र लिखकर ‘पद्मावती’ पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है.
यह भी पढ़ें: अब हाईकोर्ट में पहुंची 'पद्मावती', फिल्म पर सती प्रथा को बढ़ावा देने का आरोप
बता दें कि यह खबरें हैं कि इस फिल्म में रानी पद्मिनी बनी दीपिका पादुकोण और अलाउद्दीन खिलजी बने रणवीर सिंह के बीच ड्रीम सीक्वेंस में रोमांटिक सीन दिखाया गया है. ऐसे में बुधवार को जारी अपने एक वीडियो संदेश में निर्देशक संजय लीला भंसाली ने इस बात का खंडन किया और सफाई दी है कि यह फिल्म राजपूती शान और मार्यादा को ध्यान में रख कर बनायी गई है. 'पद्मावती' 1 दिसंबर को रिलीज होने वाली है.
VIDEO: पद्मावती फिल्म मामला : राजस्थान सरकार की विज्ञप्ति पर विवाद
...और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें...
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याचिकाकर्ता सिद्धराज सिंह चूडास्मा आदि ने इस बात की आशंका जताई कि फिल्म में अलाउद्दीन खिलजी और पद्मावती के चरित्र को जिस तरह दिखाया गया है वो राजपूत समाज को आहत करने वाला हो सकता है. ऐसे में समाज के लोगों को इस बात का मौका मिलना चाहिए कि वो फिल्म को रिलीज से पहले देख सकें. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट पहले एक स्क्रीनिंग कमेटी बनाए जो फिल्म को देखे.

इस याचिका में ये भी आरोप लगाया गया था कि डायरेक्टर ने इसे बनाने में कुछ ज्यादा ही स्वतंत्रता ली है और तथ्यों के साथ छेड़छाड़ किया है. याचिका में कहा गया कि फिल्म के गाने में रानी पद्मावती घूमर डांस करती नजर आ रही हैं, जबकि राजघराने की रानियां घमूर और ठुमके नहीं लगाती थीं. इसके साथ ही दीपिका के कॉस्टयूम पर भी सवाल उठाया गया है. इस याचिका में कहा गया है कि पद्मावती के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लेने के बाद ही फिल्म को रिलीज किया जाए. भाजपा विधायक राज पुरोहित ने भी केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) और केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी को पत्र लिखकर ‘पद्मावती’ पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है.
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बता दें कि यह खबरें हैं कि इस फिल्म में रानी पद्मिनी बनी दीपिका पादुकोण और अलाउद्दीन खिलजी बने रणवीर सिंह के बीच ड्रीम सीक्वेंस में रोमांटिक सीन दिखाया गया है. ऐसे में बुधवार को जारी अपने एक वीडियो संदेश में निर्देशक संजय लीला भंसाली ने इस बात का खंडन किया और सफाई दी है कि यह फिल्म राजपूती शान और मार्यादा को ध्यान में रख कर बनायी गई है. 'पद्मावती' 1 दिसंबर को रिलीज होने वाली है.
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