एक नाम को कमाने में और एक पहचान को बनाने में उम्र बीत जाती है. जो लोग लगन के साथ अपनी राह पर चलते जाते हैं वो लोग नाम भी बना लेते हैं और पहचान भी बना लेते हैं. ऐसे ही चंद हुनरमंद सितारों में से एक है ये कलाकार. जिसने सिनेमाई पर्दे पर मुकाम बनाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया. फांके के दिन गुजारे तो परिवार भी संघर्ष का साथी बना. लेकिन अब बॉलीवुड के सबसे डिमांडिंग एक्टर में शुमार हैं. ये शख्स हैं पंकज त्रिपाठी. जो बॉलीवुड में शौहरत की बुलंदियों पर सवार हैं. इसके बावजूद जमीन से जुड़े हुए हैं.
गरीबी में गुजरे दिन
बिहार से आने वाले पंकज त्रिपाठी ने बॉलीवुड में अपना मुकाम हासिल करने के लिए दिन रात एक किए हैं. अपना घर चलाने के लिए नींद से दूर होकर दिन रात काम किया है. आज वो जरूर सबकी आंखों का नूर है लेकिन एक दौर ऐसा भी था जब उनकी एक्टिंग को देखने वाला कोई नहीं था. जब पंकज त्रिपाठी सुबह थियेटर और रात में होटल का काम करके घर चलाते थे. एक चाय के विज्ञापन में काम करने के बाद पंकज त्रिपाठी को रन और ओमकारा में छोटा सा रोल करने का मौका मिला. लेकिन उनका काम रजिस्टर नहीं हो सका. साल 2012 में आई गैंग्स ऑफ वासेपुर उनके करियर के लिए गेम चेंजर साबित हुई.
केक खरीदने के नहीं थे पैसे
पंकज त्रिपाठी आज गाड़ी, बंगला, ऐशोआराम से लबरेज तकरीबन हर चीज के मालिक हैं. लेकिन एक दौर ऐसा भी था जब उनके पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वो अपनी पत्नी के बर्थडे का केक खरीद सकें. उनके घर चलाने का जिम्मा तक पत्नी मृदुला ने संभाला हुआ था. जो स्कूल में नौकरी करती थीं. ताकि घर की जरूरतें पूरी होती रहें. फांके के दिन गुजारने वाले पंकज त्रिपाठी आज सबसे बिजी सितारों में से एक हैं. लेकिन पुराने दिन भूले नहीं हैं. अपने पुराने दोस्तों के साथ उठना बैठना, लिट्टी चोखा पकाना और खेती बाड़ी करना आज भी उन्हें पहले की तरह ही पसंद है.
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