नाना पाटेकर भारतीय सिनेमा के शानदार कलाकारों में से एक हैं. वह पर्दे पर अपने अलग तरह के किरदारों और एक्टिंग से दर्शकों के दिलों को जीत चुके हैं. नाना पाटेकर बॉलीवुड के कई बड़े कलाकारों के साथ काम कर अपनी एक्टिंग का दम दिखा चुके हैं. लेकिन हिंदी सिनेमा में अपनी पहचान बनाना नाना पाटेकर के लिए आसान बात नहीं थी. संपन्न परिवार में पैदा हुए नाना पाटेकर की जिंदगी में एक समय ऐसा आया जब वह सिर्फ 35 रुपये महीने पर मजदूरी किया करते थे.
दरअसल नाना पाटेकर के परिवार का बिजनेस था, जो एक शख्स ने विश्वासघात कर हड़प लिया था. जिसके चलते नाना पाटेकर और उनके परिवार काफी आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा था. आर्थिक तंगी का सामना करते हुए नाना ने अपने परिवार को सपोर्ट करने के लिए 13 साल की उम्र में काम करना शुरू कर दिया. उन्होंने चूनाभट्टी में फिल्म के पोस्टर पेंट करने का काम शुरू किया, जिसमें 35 रुपये महीने की मजदूरी के लिए रोजाना 8 किलोमीटर पैदल चलकर जाते थे. नाना पाटेकर ने 27 साल की उम्र में नीलकांति से शादी की, लेकिन जल्द ही जिंदगी ने उन्हें बहुत दुख दिए और 28 साल की उम्र में, उन्होंने अपने पिता को दिल का दौरा पड़ने से खो दिया और बाद में अपने पहले बेटे को भी खो दिया.
एक इंटरव्यू में नाना ने बताया कि उनके पिता ने उन्हें थिएटर से परिचित करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. नाना पाटेकर ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत फिल्म गमन में एक नकारात्मक भूमिका से की थी. हालांकि, उन्हें 1986 की स्लीपर हिट 'अंकुश' से पहचान मिली. उन्होंने 'परिंदा', 'तिरंगा', 'क्रांतिवीर', 'अग्नि साक्षी', 'खामोशी' और 'भूत' जैसी कई शानदार फिल्मों में अपनी एक्टिंग से दर्शकों के दिलों को जीता. फिल्म अग्नि साक्षी के लिए नाना पाटेकर को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था. नाना पाटेकर फिल्म इंडस्ट्री में एक जाना-माना नाम बन गए हैं. मुश्किल आर्थिक परिस्थितियों में पले-बढ़े होने के बावजूद, अब उनकी कुल संपत्ति 80 करोड़ रुपये है. वह प्रति फिल्म 2-3 करोड़ रुपये कमाते हैं और अन्य सौदों और साझेदारियों के माध्यम से अपनी आय में इजाफा करते हैं.
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