
रीमा कागती की फिल्म सुपरबॉयज ऑफ मालेगांव सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है. इस फिल्म में आदर्श गौरव, विनीत कुमार सिंह और शशांक अरोड़ा जैसे कलाकार मुख्य भूमिका में हैं. सुपरबॉयज ऑफ मालेगांव महाराष्ट्र के कस्बे मालेगांव के कुछ लड़कों की जिंदगी पर आधारित है, जो मिलकर एक ऐसे सिनेमा की शुरुआत करते हैं, जिसमें होती सिर्फ ख्वाबों की उड़ान. इन लड़कों पर सुपरबॉयज ऑफ मालेगांव से पहले एक डॉक्यूमेंट्री भी बन चुकी है जिसका नाम सुपरमैन ऑफ मालेगांव था. यह डॉक्यमेंट्री साल 2012 में प्रसारित हुई थी.
इस डॉक्यमेंट्री में दिखाया था कि कैसे 30 हजार रुपये में फिल्म बन सकती है, बिना मुंबई के बन सकती है और नामचीन डायरेक्टर और एक्टर के बिना भी बन सकती है. इस फिल्म ने अपने बजट की 10 गुमा भी कमा सकती है. मालेगांव के लड़कों ने मिलकर पहली फिल्म बनाई थी उसका नाम मालेगांव के शोले. मालेगांव के शोले को किस तरह से बनाया गया सुपरबॉयज ऑफ मालेगांव में उसकी पूरी कहानी दिखाई गई है. साथ ही मालेगांव के शोले ने यह भी दिखाने की कोशिश की है कि छोटे शहरों के लोगों भी एक्टर बनने का सपना देख सकते हैं.
मालेगांव के शोले की वजह से मालेगांव में एक छोटी फिल्म इंडस्ट्री है, जो हर साल कई लोकल कलाकारों के साथ मिलकर फिल्में बनाती है. वहीं बात करें फिल्म सुपरबॉयज ऑफ मालेगांव की तो इस फिल्म में फिल्म में मालेगांव के असली पात्रों को निभा रहे हैं. नासिर बने आदर्श वीडियो पार्लर चलाते हैं और एक दिन पाइरेसी की वजह से उस पर छापा पड़ जाता है. फिर वो कुछ अपना करने की योजना बनाते हैं और इस तरह मालेगांव की शोले बनती है और हिट हो जाती है. इसके बाद फिल्म बनाने का सिलसिला शुरू होता है. लेकिन दोस्ती में तकरार भी होती है, फिल्म बनाने के बाद थोड़ा गुरूर भी नजर आता है. कुल मिलाकर जीवन के हर रस इस फिल्म में देखने को मिलते हैं.
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