
महावतार नरसिम्हा बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर साबित हुई है. सैयारा के तूफान में भी इस फिल्म ने अपना संतुलन नहीं खोया और हर दिन के साथ इसने बॉक्स ऑफिस पर वो करिश्मा कर दिखाया जो किसी ने सोचा भी नहीं था. फिल्म 25 जुलाई को रिलीज हुई थी और हर दिन के साथ इसके बॉक्स ऑफिस कलेक्शन में जबरदस्त इजाफा हो रहा है. महावतार नरसिम्हा किस तरह ब्लॉकबस्टर हो रही है? महावतार नरसिम्हा ने खामोशी के साथ इतना बड़ा करिश्मा कैसे किया? ये कुछ ऐसे सवाल हैं जो हर किसी के जेहन में हैं. इन्हीं को लेकर जब एनडीटीवी ने कोमल नाहटा से बात की तो उन्होंने बताया कि महावतार नरसिम्हा में हर चीज को संतुलन के साथ दिखाया गया है और हिंदू सेंटिमेंट्स को भी एकदम सही तरीके से दिखाया गया है. फिल्म ट्रेड एक्सपर्ट कोमल नाहटा से हुई बातचीत के प्रमुख अंश...
1. महावतार नरसिम्हा से क्या ऐसी उम्मीद थी कि ऐसा कलेक्शन करेगा?
कोमल नाहटा: जो अवतार नरसिम्हा के साथ हो रहा है, वो चमत्कार है. ऐसे पागलों की भीड़ देखने मिल रही है. फर्स्ट डे कलेक्शन 20 फीसदी, सेकंड डे 60 फीसदी और थर्ड डे 90 फीसदी और समय के साथ ये और भी बेहतरा होता जा रहा है. इमेजिन करें कि सैयारा में न्यू कमर्स थे लेकिन महावतार नरसिम्हा में तो न्यू कमर्स भी नहीं हैं, सिर्फ एनिमेशन है. तो ये अच्छा कंटेंट चलता है. पिछले दो हफ्तों ने इस बात को साबित भी किया है.
2. आखिर ऐसा क्या हुआ कि महावतार नरसिम्हा बॉक्स ऑफिस पर थम ही नहीं रही है?
कोमल नाहटा: महावतार नरसिम्हा जैसी फिल्म एग्जिस्ट करती है, रिलीज हुई है. ये बात भी पब्लिक को पता ही नहीं थी. सैटरडे को इसने रफ्तार पकड़ ली. शुक्रवार से तीन गुना ज्यादा शनिवार को कलेक्शन रहा. संडे को हाउसफुल या 90 फीसदी रहा. ये बहुत रेयर होता है. मुझे लगता है कि जिस चीज ने इस फिल्म के लिए काम किया वो है हिंदू रिलीजियस सेंटीमेंट्स. आउटस्टैंडिंग स्क्रिप्ट है. आउटस्टैंडिंग प्रेजेंटेशन है. एनिमेशन अच्छा है. कहानी दिल को छूती है और मजा आता है. लास्ट 20 मिनट जब नरसिम्हा मतलब लॉर्ड विष्णु नरसिम्हा के रूप में प्रकट होते हैं, मैं क्या बताऊं. आपका मन करेगा कि आप सीट से उठ के सीट पर खड़े रह के सीटी और ताली बजाएं. फिल्म में हिंदुओं के रिलीजियस सेंटीमेंट्स को अच्छे से प्रेजेंट किया गया है.
3. महावतार नरसिम्हा जैसा पहले भी किसी एनिमेशन मूवी के साथ हुआ है?
कोमल नाहटा: महावतार नरसिम्हा के गाने कोई हिट नहीं है. लेकिन जब भी गाने आते हैं एक अच्छी खुशी की लहर दौड़ती है ऑडियंस के दिल में. लोग कहते हैं कि हिंदी ऑडियंस को एनिमेशन फिल्में पसंद नहीं हैं. ऐसा नहीं है. अच्छी एनिमेटेड फिल्म बहुत साल पहले हनुमान आई थी. एनिमेशन में उसने भी अच्छा बिजनेस किया था. अब वापस एक माइथोलॉजिकल मूवी आई है. एनिमेशन में तो ये मूवी खैर हनुमान की बाप है.
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