किसी फिल्म को बनने में छह महीने लग सकते हैं. किसी को बनने में ज्यादा से ज्यादा एक दो साल का समय लग सकता है. चलिए कोविड दौर की बात करें तो कई फिल्मों को बनने में तीन-चार साल का समय भी लग गया. लेकिन आप जानते हैं बॉलीवुड की एक ऐसी फिल्म भी है जो 23 साल बाद सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी. इस फिल्म को बनने में इतने साल लग गए कि इस बीच फिल्म के दो हीरो और डायरेक्टर का भी निधन हो गया. यहां हम बात कर रहे हैं 1986 में रिलीज हुई फिल्म 'लव ऐंड गॉड' की. इस फिल्म का निर्माण 1963 में शुरू हुआ था. यह फिल्म लैला मजनूं की कहानी पर आधारित है और इसे बनाने का काम के. आसिफ ने शुरू किया था.
फिल्म में कैस यानी मजनूं के रोल के लिए गुरु दत्त को चुना गया था और लैला का किरदार निम्मी को मिला था. लेकिन 1964 में अचानक गुरुदत्त का निधन हो गया और फिल्म ठंडे बस्ते में चली गई. फिर के. आसिफ ने 1970 में फिल्म पर काम दोबारा शुरू किया और इस बार फिल्म के हीरो के तौर पर संजीव कुमार को चुना. लेकिन यहां भी बदकिस्मती ने इस फिल्म और इसके डायरेक्टर का साथ नहीं छोड़ा. मार्च 1971 में के. आसिफ का निधन हो गया और इस तरह फिल्म अधूरी रह गई.
के.आसिफ के निधन के पंद्रह साल बाद उनकी पत्नी ने फिल्म को अधूरा ही रिलीज करने का फैसला लिया. इस काम में के.सी. बोकाड़िया ने मदद की. यह अधूरी फिल्म 27 मई, 1986 को रिलीज की गई. इस तरह लगभग 23 साल बाद इस फिल्म को रिलीज किया जा सका. फिल्म का म्यूजिक नौशाद ने दिया था. अगर के. आसिफ की बात करें तो उनकी फिल्म 'मुगल-ए-आजम' को बनने में भी लगभग 14 साल का समय लग गया था.
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