
ऋषि कपूर
Quick Take
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अपनी बेबाकी से रहते हैं सुर्खियों में
बीफ से लेकर वंशवाद तक हर मामले पर साफ राय
अक्सर हो जाते हैं ट्रॉल
Video: यादों के झरोखे से ऋषि कपूर
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ऋषि कपूर ने बताया, “उन दिनों मैं बीकानेर में ‘लैला मजनूं’ की शूटिंग कर रहा था. उस दौरान कमरे में न तो तो कोई टीवी थी और न ही फोन. पैकअप के बाद हम लोग सात बजे बिलियर्ड रूम में मिलते थे. उसी दौरान एक शख्स दौड़ता हुआ आया और कहा कि ऋषि कपूर साब का लाइटनिंग कॉल आया है. उन दिनों लाइटनिंग कॉल का मतलब हुआ करता था, परेशान हो जाने वाली बात. मैंने पूछा लाइटनिंग कॉल किसका है. तो मेरे सेक्रेटरी ने कहा कि मिस्टर मनमोहन देसाई का है. वे आपसे बात करना चाहते हैं. वे कुछ इस तरह बोले, हां हां मैं मनमोहन देसाई बोल रहा हूं और मैंने कहा कि जी सर बोलिए मैं आपके लिए क्या कर सकता हूं. मैं ‘अमर अकबर एंथनी’ नाम से फिल्म बना रहा हूं और मैं चाहता हूं आप अकबर का रोल निभाएं. उस समय वे बहुत बड़े डायरेक्टर थे. मेरे दिमाग में एकदम से बात कौंधी और मैंने कहा कि सर मैं अपने दादाजी का रोल कैसे निभा सकता हूं? मुझे लगा कि वे अमर नाम से फिल्म बना रहे हैं जो पुराने जमाने का बांसुरी बजाने वाला होगा और अकबर मुगल-ए-आजम वाला. इसी तरह एंथनी क्लियोपैट्रा से लिया गया कोई किरदार. इस तरह मनमोहन जी से मेरी मुलाकात हुई. मैं यह नहीं भूल सकता कि उन्होंने मुझे कैसे ये फिल्म ऑफर की.”
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