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Badass Ravi Kumar: जिस पब्लिक को बॉलीवुड ने भुलाया बैडएस रवि कुमार से हिमेश रेशमिया ने उसे गले लगाया

हिमेश रेशमिया की बैडएस रवि कुमार फिल्म रिलीज हो गई है. फिल्म एक्शन कॉमेडी है और सीटीमार डायलॉग हैं. आइए जानते हैं कि बैडएस रवि कुमार को क्या बात खास बनाती है...

Badass Ravi Kumar: जिस पब्लिक को बॉलीवुड ने भुलाया बैडएस रवि कुमार से हिमेश रेशमिया ने उसे गले लगाया
Badass Ravi Kumar: बैडएस रवि कुमार को क्या बात बनाती है खास
नई दिल्ली:

एक समय था जब किसी फिल्म का रिलीज होना किसी उत्सव से कम नहीं हुआ करता था. इन फिल्मों में कहानी होती थी या तो लार्जर दैन लाइफ या प्योर मसाला. ये ऐसी फिल्में होती थीं, जो कई बार जिंदगी से काफी दूर होते हुई भी दिलोदिमाग के काफी करीब हुआ करती थीं. इन फिल्मों में हीरो सबकुछ कर सकता था, इनमें शानदार म्यूजिक हुआ करता था और इन फिल्मों में सीटीमार डायलॉग हुआ करते थे. बस कुछ ऐसा ही था 1980 का दशक. उसी दशक को बैडएस रवि कुमार के जरिये परदे पर जिंदा करने की कोशिश करते नजर आते हैं हिमेश रेशमिया. हिमेश ने वो हिम्मत कर दिखाई जो हर किसी के बूते की बात नहीं. 

हिमेश रेशमिया की बैडएस रविकुमार की कहानी और ट्रीटमेंट को लेकर बड़ी-बड़ी बहस हो सकती हैं. जितनी चाहे आलोचना भी हो सकती है. लेकिन इस एक्शन कॉमेडी की शुरुआत में ही हिमेश रेशमिया ने बता दिया है कि वो कोई मास्टरपीस नहीं बनाने जा रहे हैं. उन्होंने कह दिया था कि लॉजिकल ऑप्शनल है और यह बात हर सीन में वो साबित करते हैं. लेकिन हिमेश रेशमिया और फिल्म के डायरेक्टर कीथ गोम्स की ईमानदारी यहीं खत्म नहीं होती है, फिल्म का जब अंत होता है तो भी वो दर्शकों से कहते हैं कि उठकर मत जाना क्योंकि पिक्चर अभी बाकी है. वर्ना फिल्मों में एंड सीन होते हैं और दर्शक पछताते रह जाते हैं.

अब अगर हम बात फिल्म की कहानी या एक्शन की करें तो इसमें सारी कुछ वैसा ही है जैसा टाइगर सीरीज में है या फिर पठान में. जिसमें देश के दुश्मनों से टकराना और देश के सीक्रेट को गलत हाथों में जाने से रोकना है. अब यहां अगर एक्टर चेंज कर दें तो ज्यादा अंतर कहीं भी नजर नहीं आने वाला. अगर सलमान खान, बैडएस रवि कुमार में आ जाएं और हिमेश रेशमिया टाइगर में तो मामला सब कुछ वैसा ही रहने वाला है. अंतर सिर्फ स्टार पॉवर और बजट का रहेगा.

हिमेश रेशमिया की बैडएस रविकुमार एक तरह से बॉलीवु़ड को आईना दिखाने का भी काम करती है. जो इन दिनों दर्शकों को खराब कंटेंट से हताश और निराश कर रहा है. लगातार फिल्में आ रही हैं. बड़े बजट की आ रही हैं और फ्लॉप हो रही है. दिलचस्प यह है कि ऐसी ही फिल्में आ रही हैं जैसी बैडएस रवि कुमार है. लेकिन अंतर यह है कि इसमें कोई दावे नहीं किए गए. इसमें जो कहा गया वैसा दिखाया गया और रिलीज से पहले ही प्रोड्यूसर को नो प्रॉफिट नो लॉस में ला दिया और अब जो भी आएगा सारा प्रॉफिट ही कहलाएगा. 

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