
फरीदा जलाल 1960 के दशक से फिल्मों में काम कर रही हैं और जब उन्हें संजय लीला भंसाली की नेटफ्लिक्स सीरीज हीरामंडी में कास्ट किया गया, तो उनके फैन्स को लगा कि उनकी वापसी काफी समय से हो रही थी. फरीदा ने शो में कुदसिया बेगम का किरदार निभाया और बताया कि जब उन्होंने सीरीज पर काम किया तो वे भंसाली की दुनिया से बहुत इंप्रेस्ड थीं. उन्होंने बताया कि जब डायरेक्टर ने उन्हें पहला सीन सुनाया तो उन्हें तुरंत पता चल गया कि वे इसे उस तरह से करने में सहज नहीं होंगी, जैसा उन्होंने सोचा था और इसलिए उन्होंने तुरंत मना कर दिया.
Galatta India के साथ बातचीत में फरीदा ने बताया, "उन्होंने कहा कि पहला शॉट है कि आप नवाबजादियों के एक ग्रुप के साथ बैठी हैं, एक अच्छी पार्टी कर रही हैं, आपका बेटा अभी-अभी विदेश से वापस आया है और आपके एक हाथ में वाइन का गिलास और दूसरे हाथ में सिगरेट है. मैं हैरान रह गई. मैं ठंडी पड़ गई." फरीदा ने बताया कि जैसे ही उन्होंने यह सुना उन्हें पता चल गया कि वे इसे नहीं कर पाएंगी क्योंकि इससे वो असहज हो गईं.
"(मैंने कहा) 'सर, मैंने ऐसा कभी नहीं किया.' मेरी जिंदगी में ऐसे कई उदाहरण हैं, जब इस तरह के किरदार मेरे सामने आए और मैंने हमेशा मना कर दिया. मैं कम्फर्टेबल नहीं थी इसलिए मैंने कहा, 'सर, मैं सिगरेट नहीं पकड़ूंगी. मैं झूठी लगूंगी.' उन्होंने मुझसे एक शब्द भी नहीं कहा. कितने कमाल के इंसान हैं! उस मुलाकात के बाद उन्होंने इस बारे में बात तक नहीं की. उन्होंने बस इस सीन को हटा दिया. मैं बहुत तनाव में थी. उन्होंने समझा कि मैं कम्फर्टेबल नहीं हूं."
फरीदा जलाल ने कहा कि वह स्क्रीन पर जो कुछ भी देखती थीं, उससे बहुत खुश थीं और उन्हें लगता था कि अगर उनका किरदार भी शराब पीता और धूम्रपान करता होता, तो उनके और हीरामंडी में रहने वाले किरदारों के बीच ज़्यादा अंतर नहीं होता. "मैंने जो देखा, वह मुझे बहुत पसंद आया. मुझे यकीन है कि उन्हें भी ऐसा ही लगा होगा. उन्हें भी लगा होगा कि 'अच्छा हुआ, हम उस रास्ते पर नहीं गए'. मैं बहुत अनकम्फर्टेबल होती, क्योंकि मैं ऐसी चीजें नहीं करती." उन्होंने कहा.
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