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This Article is From Feb 13, 2024

Happy Kiss Day: इश्क के ये 7 सबक सिखा चुके हैं मिर्ज़ा ग़ालिब, Kiss Day पर अपने Valentine का ऐसे जीतें दिल

Happy Kiss Day 2024: वैलेंटाइन वीक (Valentine Week) में 13 फरवरी को किस डे (Kiss Day 13 February) होता है. इसके अगले ही दिन वैलेंटाइन्स डे (Valentine's Day 14 February) रहता है. मोहब्बत में डूबे प्रेमी इस दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं.

Happy Kiss Day: इश्क के ये 7 सबक सिखा चुके हैं मिर्ज़ा ग़ालिब, Kiss Day पर अपने Valentine का ऐसे जीतें दिल
इश्क के ये 7 सबक सिखा चुके हैं मिर्ज़ा ग़ालिब,
नई दिल्ली:

Happy Kiss Day 2024: वैलेंटाइन वीक (Valentine Week) में 13 फरवरी को किस डे (Kiss Day 13 February) होता है. इसके अगले ही दिन वैलेंटाइन्स डे (Valentine's Day 14 February) रहता है. मोहब्बत में डूबे प्रेमी इस दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं. वैलेंटाइन्स डे (Valentines Day) के मौके पर शेरों-शायरी (Valentine's Day Shayari) का अपना प्यार इजहार करने के लिए खूब इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि दिन चाहे कोई भी रहे लेकिन शायरी सदाबहार रहती है और प्रेमियों के बीच काफी मशहूर भी रहती है. फिर अगर कम शब्दों में गहरी बात कहनी हो तो उर्दू के दिग्गज शायर मिर्जा गालिब (Mirza Ghalib Shayari) का कोई तोड़ नहीं है. किस डे (Kiss Day) पर पढ़ें मिर्जा गालिब (Mirza Ghalib) की कुछ चुनिंदा शायरी. 

इश्क से तबीअत ने ज़ीस्त का मज़ा पाया 
दर्द की दवा पाई दर्द-ए-बे-दवा पाया

इश्क पर जोर नहीं है ये वो आतिश 'ग़ालिब' 
कि लगाए न लगे और बुझाए न बने 

इश्क़ ने 'ग़ालिब' निकम्मा कर दिया 
वर्ना हम भी आदमी थे काम के

अर्ज़-ए-नियाज़-ए-इश्क़ के क़ाबिल नहीं रहा 
जिस दिल पे नाज़ था मुझे वो दिल नहीं रहा

आगे आती थी हाल-ए-दिल पे हंसी 
अब किसी बात पर नहीं आती

आह को चाहिए इक उम्र असर होते तक 
कौन जीता है तिरी ज़ुल्फ़ के सर होते तक

आता है दाग़-ए-हसरत-ए-दिल का शुमार याद 
मुझ से मिरे गुनह का हिसाब ऐ ख़ुदा न मांग

Kiss Day 2024: मिर्ज़ा ग़ालिब के अलावा अन्य उर्दू शायरों की शायरी...

दाग़ दुनिया ने दिए ज़ख़्म ज़माने से मिले
हम को तोहफ़े ये तुम्हें दोस्त बनाने से मिले
कैफ़ भोपाली

इक खिलौना टूट जाएगा नया मिल जाएगा 
मैं नहीं तो कोई तुझ को दूसरा मिल जाएगा 
अदीम हाशमी

आज भी शायद कोई फूलों का तोहफ़ा भेज दे
तितलियां मंडला रही हैं कांच के गुल-दान पर
शकेब जलाली

दिल सा खिलौना हाथ आया है 
खेलो तोड़ो जी बहलाओ 
इब्न-ए-सफ़ी

कितना चालाक है वो यार-ए-सितमगर देखो
उस ने तोहफ़े में घड़ी दी है मगर वक़्त नहीं
अली सरमद

चाहिए क्या तुम्हें तोहफ़े में बता दो वर्ना
हम तो बाज़ार के बाज़ार उठा लाएंगे
अता तुराब

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