ये मासूम चेहरा आज की दमदार पहचान बन चुका है. जो देश ही नहीं विदेश तक में महिला सशक्तिकरण की नई पहचान भी बन चुका है. ये वही चेहरा है जिसे आपने टीवी पर बार बार देखा. कभी अपनी बहू तो कभी अपनी बेटी के रूप में. आपने छोटे पर्दे के जरिए कई बार इसे चेहरे का स्वागत किया है. इस बच्ची ने अपने संघर्ष के दिनों से लेकर अब तक फर्श से अर्श का सफर तय किया है. अब देश की शीर्ष महिलाओं में शुमार हैं. लेकिन एक दौर ऐसा भी था जब आशियाना बनाने के लिए पाई पाई जोड़ना आसान नहीं था. उस वक्त भी अपने इरादों पर डटी रहीं और भारी भरकम ऑफर्स के सामने भी सिद्धांतों से समझौता नहीं किया.
क्या आपने पहचाना ये बच्ची कौन है. अगर नहीं तो हम बताते हैं. ये बच्ची आज की केंद्रीय मंत्री और एक जमाने की डेली सोप की फेवरेट एक्ट्रेस स्मृति ईरानी हैं. अपने पुराने दिनों को याद करते हुए खुद स्मृति ईरानी ये बता चुकी हैं कि एक्टिंग की दुनिया में जब उन्होंने कदम रखा तब उनके पास ज्यादा पैसे नहीं थे. बहुत मुश्किल से जोड़ तोड़ करके उन्होंने अपने लिए घर खरीदा. जिसकी किश्त काफी ज्यादा थी. इसी बीच उन्हें पान मसाले के ऐड का ऑफर मिला. इस ऐड के लिए उन्हें इतनी फीस मिल रही थी कि किश्त पूरी हो जाती. लेकिन उन्होंने इस एड के लिए इंकार कर दिया. उस वक्त वहां मौजूद लोगों ने उन्हें समझाया भी लेकिन अपने उसूलों को ताक पर रख पान मसाले का एड करन उन्हें रास नहीं आया.
इतना ही नहीं, करियर के शुरूआती दिनों में जब स्मृति के पास पैसे नहीं थे तो एक अख़बार में मैकडॉनल्ड और एयरहोस्टेस का ऐड देखकर वे इंटरव्यू देने चली गई थीं. इस दौरान उनकी छोटी बहन भी साथ थीं. दोनों में से किसी जगह भी स्मृति का सिलेक्शन नहीं हुआ, लेकिन वही एयरहोस्टेस का इंटरव्यू जब उनकी बहन ने दिया तो उन्हें सेलेक्ट कर लिया गया. इस बात का खुलासा खुद स्मृति ईरानी ने किया था.
ऐसा रहा स्मृति ईरानी का करियर
स्मृति जुबिन ईरानी, 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' के जरिए घर घर तक पहुंची. उनके तुलसी के किरदार को लोगों ने सिर आंखों पर बिठाया. एक संस्कारी बहू की भूमिका में स्मृति ईरानी ने सबके दिल जीत लिए. इसके बाद वो चुनाव लड़ कर लोकसभा पहुंचीं. यहां भी वो अपनी ग्रेसफुल प्रेजेंस के साथ महिला सशक्तिकरण की नई मिसाल कायम कर रही हैं.
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