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ऑस्कर के लिए नॉमिनेट होने वाली पहली इंडियन फिल्म, 28 वर्षीय एक्ट्रेस बनीं थीं 28 और 30 साल के बेटों की मां

ऑस्कर में नामांकन मिलने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आई मदर इंडिया दमदार कहानी की मिसाल है, जिसमें नरगिस दत्त, सुनील दत्त और राजेंद्र कुमार ने अपने किरदार से दिल जीत लिया. 

ऑस्कर के लिए नॉमिनेट होने वाली पहली इंडियन फिल्म, 28 वर्षीय एक्ट्रेस बनीं थीं 28 और 30 साल के बेटों की मां
ऑस्कर के लिए नॉमिनेट होने वाली पहली इंडियन फिल्म
नई दिल्ली:

दुनियाभर में भारतीय सिनेमा अपनी दमदार कहानियों के लिए जाना जाता है. भारतीय फिल्में वर्षों से न केवल दर्शकों का मनोरंजन नहीं कर रही हैं, बल्कि समाज और संस्कृति को भी पेश कर रही हैं. इनमें से कुछ फिल्में ऐसी होती हैं, जो अपनी कहानी, अभिनय और निर्देशन की वजह से अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी पहचान बनाती हैं. ऐसी ही एक फिल्म है, जिसने भारतीय सिनेमा का नाम पहली बार ऑस्कर तक पहुंचाया, और वह फिल्म है 1957 में रिलीज हुई 'मदर इंडिया'... यह फिल्म आज भी भारतीय सिनेमा की सबसे प्रतिष्ठित और यादगार फिल्मों में गिनी जाती है. 

'मदर इंडिया' की कहानी एक मजबूत महिला की जीवन यात्रा को बयां करती है. इस फिल्म में नरगिस दत्त ने एक ऐसी मां का किरदार निभाया था, जो अपनी मुश्किल परिस्थितियों और सामाजिक चुनौतियों के बावजूद अपने परिवार को संभालती हैं. फिल्म में दिखाया गया संघर्ष, मातृत्व और न्याय दर्शकों के दिलों को छू गया.आपको जानकर हैरानी होगी कि मदर इंडिया में मां की भूमिका निभाने वाली नरगिस दत्त 28 साल की थीं जब उन्होंने यह रोल निभाया. वहीं उनके बेटे के भूमिका निभाने वाले सुनील दत्त 28 के और राजेंद्र कुमार की उम्र उस समय 30 वर्ष थी. 

सुनील दत्त ने अपने किरदार बड़े बेटे बिरजू को शानदार तरीके से निभाया, जबकि राजेंद्र कुमार ने छोटे बेटे रामू की भूमिका में जान डाली. खास बात यह है कि फिल्म में नरगिस ने सुनील दत्त की मां राधा का रोल निभाया, जबकि उनकी उम्र लगभग बराबर थी, लेकिन उनका अभिनय इतना प्रभावशाली था कि लोग उन्हें वास्तविक मां के रूप में देखने लगे. 

महबूब खान के निर्देशन में बनी यह फिल्म केवल भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी चर्चा का विषय बनी. फिल्म की कहानी और डायलॉग्स ने दर्शकों को पूरी तरह बांधकर रखा. इसके अलावा, फिल्म के गाने भी बेहद लोकप्रिय हुए. मोहम्मद रफी, लता मंगेशकर, मन्ना डे और शमशाद बेगम ने फिल्म के गानों में अपनी आवाज दी, जो आज भी याद किए जाते हैं. इन गानों ने कहानी की भावनाओं को गहराई दी और दर्शकों को हर सीन में जोड़े रखा.

'मदर इंडिया' ने भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में कई रिकॉर्ड भी बनाए. फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर शानदार कमाई की और बड़े स्तर पर स्क्रीनिंग हुई. नरगिस दत्त को उनके बेहतरीन अभिनय के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड से नवाजा गया, वहीं महबूब खान को बेस्ट डायरेक्टर का अवॉर्ड मिला. इन उपलब्धियों ने इसे भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक खास मुकाम दिलाया. 

इसके अलावा, 'मदर इंडिया' ने भारत की तरफ से ऑस्कर में नामांकन भी हासिल किया. यह वह समय था जब भारतीय फिल्मों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी जगह बनाने का मौका मिला. हालांकि फिल्म ने ऑस्कर नहीं जीता, लेकिन इसकी कहानी, अभिनय और संगीत ने दुनिया भर के दर्शकों का दिल जीत लिया. ऑस्कर में नामांकन मिलने के बाद, यह फिल्म अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चित हो गई. आज भी 'मदर इंडिया' भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक आदर्श फिल्म के रूप में जानी जाती है. फिल्म की लोकप्रियता इतनी है कि यह प्राइम वीडियो जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है.  

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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