लीजेंड्री फिल्म मेकर रामानंद सागर के बेटे प्रेम सागर ने खुलासा किया है कि उन्होंने 1968 की फिल्म 'आंखें' के लिए धर्मेंद्र को क्यों चुना. प्रेम ने याद किया कि जब उन्होंने धर्मेंद्र को फिल्म के लिए कास्ट किया था तो वह नए नए थे. उन्होंने तब तक सिर्फ एक फिल्म की थी. हालांकि प्रेम ने एक दिलचस्प किस्से का खुलासा किया और शेयर किया कि धर्मेंद्र के हाथों के साइज ने उन्हें इस रोल के लिए परफेक्ट बनाया था.
लेहरें के साथ एक इंटरव्यू में प्रेम ने कहा, “हमने आंखें के लिए धर्मेंद्र को चुना क्योंकि उनके हाथ बहुत बड़े थे. उस समय जब हमने उन्हें चुना धर्मेंद्र कुछ नहीं थे. उन्हें कोई नहीं जानता था. उन्होंने तब तक बस 'शोला और शबनम' ही की थी. लेकिन क्योंकि वह बंदूक पकड़ सकते थे इसलिए उन्हें रोल के लिए सिलेक्ट कर लिया गया. क्या आप इमैजिन कर सकते हैं कि उनका चयन उनके हाथों की वजह से किया गया था?
धर्मेंद्र और माला सिन्हा स्टारर 'आंखें' रामानंद सागर के डायरेक्शन में बनी थी और 1968 में रिलीज हुई थी. धर्मेंद्र को हाल ही में करन जौहर की 'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' में देखा गया था. एक छोटे रोल के बावजूद धर्मेंद्र ने अपनी एक्टिंग और शबाना आजमी के साथ ऑनस्क्रीन केमिस्ट्री से सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचा. हालांकि फिल्म के प्रमोशन के दौरान धर्मेंद्र ने इस बात पर खुल कर बात की थी कि उन्हें इंडस्ट्री में कभी भी उनका 'हक' नहीं मिला.
उन्होंने टाइम्स नाऊ से कहा, "हमारा परिवार मार्केटिंग में नहीं है. हमने हमेशा इस बात पर यकीन रखा है कि काम बोलता है. सनी अब तक की दो सबसे बड़ी ब्लॉकबस्टर फिल्मों में हैं. आपने उन्हें कभी अपनी अचीवमेंट्स के बारे में बात करते हुए नहीं सुना होगा. मेरा छोटा बेटा बॉबी (देओल) भी अच्छा कर रहा है. लेकिन मेरे परिवार को कभी भी वो नहीं मिला जो हम डिजर्व करते थे. हमें कोई परेशानी नहीं है. हमारे फैन्स का प्यार हमें आगे बढ़ने के लिए इंस्पायर करने के लिए काफी है. हमें नहीं चाहिए कि इंडस्ट्री हमें स्वीकार करे."
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