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This Article is From Mar 24, 2021

Bhumi Pedneker तोड़ेंगी हीरोइनों की स्टीरियोटाइप इमेज, कहा- उत्तर भारतीय गोरी चिट्टी लड़कियों के...

भूमि पेडनेकर (Bhumi Pednekar) का मानना है कि हीरोइनों के प्रति लोगों की सोच बदलनी चाहिए. अभिनेत्रियों की स्टीरियोटाइप इमेज को तोड़ना उनका मकसद है.

Bhumi Pedneker तोड़ेंगी हीरोइनों की स्टीरियोटाइप इमेज, कहा- उत्तर भारतीय गोरी चिट्टी लड़कियों के...
भूमि पेडनेकर (Bhumi Pednekar)
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
हीरोइनों की स्टीरियोटाइप इमेज तोड़ना चाहती हैं भूमि
'दम लगा के हईशा' से किया डेब्यू
बॉलीवुड एक्ट्रेस हैं भूमि पेडनेकर
नई दिल्ली:

भूमि पेडनेकर (Bhumi Pednekar) बॉलीवुड की एक मशहूर एक्ट्रेस हैं. कुछ नामचीन फिल्मों में काम करके उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में अपनी एक अलग पहचान बनाई है. भूमि पेडनेकर अभी तक हर तरह के किरदार में नजर आ चुकी हैं. भूमि अक्सर अपनी फिल्मों के चयन को लेकर खबरों में बनी रहती हैं. भूमि (Bhumi Pednekar) की मानें तो वे बॉलीवुड में महज 'बार्बी डॉल' बनकर नहीं रहना चाहतीं. दरअसल, हीरोइनों को लेकर लोगों की गलत धारणा बनी हुई है कि, उन्हें स्क्रीन पर ग्लैमरस दिखना चाहिए, ऐसे में वे लोगों की इस तरह की सोच और इंडस्ट्री के इस स्टीरियोटाइप इमेज को तोड़ना चाहती हैं.

भूमि पेडनेकर (Bhumi Pednekar) सबसे पहले आयुष्मान खुराना के साथ फिल्म ‘दम लगा के हईशा' में नजर आई थीं. इस फिल्म में उनका किरदार एक ओवरवेट लड़की का था. फिल्म में अपनी परफॉरमेंस से भूमि ने दर्शकों का दिल जीत लिया था. वहीं, फिल्म ‘शुभ मंगल सावधान' में वे अपने प्रेमी की समस्या से दो चार होती दिखी थीं. ‘लस्ट स्टोरीज' में भूमि का किरदार एक कामवाली का था, जो अपने मालिक द्वारा छली जाती है. इस किरदार के जरिये भूमि ने सामाजिक वर्गों के बीच होने वाले भेदभाव को बखूबी दर्शाया था.

बात करें भूमि पेडनेकर (Bhumi Pednekar Instagram) की अन्य फिल्मों की तो ‘सोनचिरैया' में वे पितृसत्तात्मक व्यवस्था से जूझती दिखाई दी थीं, जबकि फिल्म ‘सांड की आंख' में उन्होंने दुनिया की सबसे उम्रदराज महिला शार्पशूटर का किरदार निभाया था.2019 की फिल्म ‘बाला' में भूमि एक सांवली लड़की के किरदार में नजर आई थीं. कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि कुछ साल के करियर में ही भूमि लगभग हर तरह के किरदार निभा चुकी हैं.

इस पर भूमि का कहना है,  “उत्तर भारतीय गोरी चिट्टी लड़की के दिन अब गुजर गए. मेरा मानना है कि रंग से कोई फर्क नहीं पड़ता. मैं हिंदी फिल्म की अभिनेत्रियों को लेकर आपकी परिभाषा बदलने जा रही हूं. हम सभी इस पेशे में हैं. मुझे ऐसी लीक से हटकर कहानी वाली फिल्मों का हिस्सा बनना है, जो लोगों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं, बदलाव की वाहक हैं. मेरे किरदार इसकी परवाह नहीं करते कि लोग उनके बारे में क्या सोचते हैं और यही मैं करने जा रही हूं.”

भूमि पेडनेकर (Bhumi Pednekar Films) आगे कहती हैं, “मैं खूबसूरती का अपना खुद का पैमाना बनाने जा रही हूं और यही मैं करने की कोशिश कर रही हूं. अपने सिनेमा के माध्यम से, मैं वास्तव में बदलाव लाना चाहती हूं. मैं चाहती हूं कि लोग खुद से प्यार करें, चाहती हूं कि लोग इस बात को स्वीकार करें कि वे कौन हैं. मैं अपने दर्शकों का मनोरंजन करना चाहती हूं और यही मेरी पहली प्राथमिकता है. अपनी फिल्मों के माध्यम से मैं उन्हें एक विचार, एक सकारात्मक विचार के साथ छोड़ना चाहती हूं, जो उनकी दुनिया को रहने के लिए एक बेहतर जगह बनाएंगे”.

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