अभिनय, गायिकी और नृत्य प्रतिभा की धनी अक्षरा सिंह का आज जन्मदिन है. इस मौके पर जहां एक ओर उन्हें उनके फैंस और शुभचिंतक बधाई दे रहे हैं, वहीं अक्षरा ने कोरोना महामारी की वजह से अपने इस खास दिन को अलग तरह मनाया. अक्षरा ने अपने जन्मदिन पर वैशाली जिले के राजापाकर प्रखंड के बिरना लखन सेन गांव के एक बच्चे की शिक्षा – दीक्षा की जिम्मेवारी उठाने का फैसला लिया. इसके लिए वे इस बच्चे को हर महीने पढ़ाई के लिए आर्थिक मदद करती रहेंगी. अक्षरा ने इसी बच्चे के साथ केक भी काटा. मौके पर समाजसेवी विकास सिंह बडहियावाले, पीआरओ रंजन सिन्हा व गांव के अन्य गणमान्य लोग भी मौजूद रहे.
आपको बता दें कि बिरना लखन सेन निवासी रामाशीष मांझी का निधन बीते दिनों हो गया था, जिसके बाद उनका 7 वर्षीय पुत्र अनाथ हो गया. अक्षरा को जब इसकी जानकारी नारायणपुर बुजुर्ग पंचायत की मुखिया कुमारी रुमझुम के माध्यम से मिली, तो उन्होंने अपने खास दिन को यादगार बनाने के लिए एक बच्चे की पढ़ाई – लिखाई का प्रबंध करने का फैसला लिया.
इसको लेकर अक्षरा सिंह ने कहा कि समाज ने मुझे बहुत कुछ दिया है. अब मेरी बारी थी तो, जब मुझे इस बच्चे के बारे में नारायणपुर बुजुर्ग पंचायत की मुखिया कुमारी रुमझुम के माध्यम से खबर मिली तो मुझे लगा कि मुझे इसके लिए कुछ करना चाहिए. फिर मैंने इस बच्चे को साक्षर करने के बारे में सोचा और आज मैं बिरना लखन सेन गांव खास तौर पर इस बच्चे के लिए आई हूं. यह मेरे लिए बड़े ही सौभाग्य की बात है कि आज मेरा जन्मदिन है, जिसे मैं सादगी से सेलिब्रेट करना चाहती थी. लेकिन अब मुझे आज लग रहा है कि इससे अच्छा जन्मदिन मैंने कभी सेलिब्रेट नहीं किया. इस बच्चे की मदद से मुझे सुकून मिला है।.मैं अपने फैंस, अभिभावक और शुभचिंतकों को भी धन्यवाद देती हूं.
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