सिनेमाघरों में लंबे समय बाद रौनक लौटी है. 'बेल बॉटम' कोरोना काल में रिलीज हुई पहली बिग बजट फिल्म है. फिल्म में सितारों की फौज है, जिसमें अक्षय कुमार, वाणी कपूर, हुमा कुरैशी, आदिल हुसैन और लारा दत्ता नजर आ रहे हैं. फिल्म को देशभक्ति के जज्बे से ओत-प्रोत रखा गया है. फिल्म को लेकर अच्छा-खासा प्रचार भी किया गया है. लेकिन 'बेल बॉटम (Bell Bottom Review)' को लेकर जिस तरह की हाइप बनाई गई है, फिल्म निराश करती है. फिल्म एक्टिंग से लेकर कहानी तक कई मोर्चों पर कमजोर साबित होती है.
'बेल बॉटम' की कहानी
'बेल बॉटम (Bell Bottom Movie Review)' की स्टोरी रॉ एजेंट अक्षय कुमार की है. फिल्म की कहानी प्लेन हाइजैक को लेकर बुनी गई है. जिसमें 210 लोगों की जान बचानी है. इस तरह अक्षय कुमार इस मिशन को अंजाम देते हैं. फिल्म 1980 के दशक में रची गई है और तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी को भी फिल्म में पेश किया गया है. इस तरह फिल्म में ढेर सारे कैरेक्टर आते हैं, और कहानी चलती रहती है. लेकिन पूरा फोकस अक्षय कुमार पर रहता है. यह एक अक्षय कुमार स्टाइल एंटरटेनर है, जो कई खामियों के बावजूद अक्षय कुमार के फैन्स को पसंद आ सकती है.
'बेल बॉटम' में एक्टिंग
अक्षय कुमार ने रॉ एजेंट का किरदार निभाया है. 'बेल बॉटम (Movie Review Bell Bottom)' में अक्षय कुमार कैरेक्टर को निभाते समय कई जगह एक्सप्रेशनलेस भी हो जाते हैं. कई सीन्स में उनका चेहरा एकदम ब्लैंक नजर आता है. ऐसा ही कुछ इंदिरा गांधी बनीं लारा दत्ता के बारे में भी कहा जा सकता है. शायद वह मेकअप की वजह से कहीं कैरेक्टर से जुड़े एक्सप्रेशंस में नहीं उतर पाती हैं. बाकी वाणी कपूर के पास करने को बहुत ज्यादा है नहीं, हुमा कुरैशी ने ठीक ठाक काम किया है.
रेटिंगः 2.5/5 स्टार
डायरेक्टर: रंजीत तिवारी
कलाकार: अक्षय कुमार, वाणी कपूर, लारा दत्ता, आदिल हुसैन और हुमा कुरैशी
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