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This Article is From Sep 05, 2023

इन दो एक्टर के रिजेक्शन के बाद अमिताभ बच्चन के हाथ लगी थी 'कालिया', फिर 42 साल पहले ऐसे बदल गई बिग बी की किस्मत

फिल्म 'कालिया' 25 दिसंबर 1981 को रिलीज हुई थी. इस फिल्म का डायलॉग 'हम जहां खड़े होते हैं लाइन वहीं से शुरू होती है...' बेहद फेमस हुआ था. हालांकि, अमिताभ बच्चन इस डायलॉग के लिए डायरेक्टर की पहली पसंद नहीं थे. जानें कैसे उनको मिली ये फिल्म.

इन दो एक्टर के रिजेक्शन के बाद अमिताभ बच्चन के हाथ लगी थी 'कालिया', फिर 42 साल पहले ऐसे बदल गई बिग बी की किस्मत
फिल्म कालिया के लिए पहली पसंद नहीं थे अमिताभ बच्चन, ऐसे मिला रोल
नई दिल्ली:

कई फिल्मों की कहानी जितनी दमदार होती है उनके डायलॉग्स भी उतने ही धांसू होते हैं. सालों साल तक वे हर किसी की जुबान पर चढ़े रहते हैं. बात-बात में लोग उस डायलॉग को दोहराते हैं. ऐसा ही एक डायलॉग 80 के दशक में आया, जो आज भी अक्सर सुनने को मिल जाता है. डायलॉग था- 'हम जहां खड़े होते हैं लाइन वहीं से शुरू होती है...' जी हां अमिताभ बच्चन की दमदार आवाज में जब ये डायलॉग आया तो काफी हिट हुआ और आजतक बोला जाता है. लेकिन उस समय इस डायलॉग के लिए एंग्री मैन अमिताभ बच्चन नहीं बल्कि 2 और एक्टर्स पसंद थे. लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ कि फिल्म और डायलॉग दोनों अमिताभ बच्चन के हो गए और उन्हें काफी नाम मिला. आइए जानते हैं...

किस फिल्म का है ये डायलॉग

हम जिस डायलॉग की बात कर रहे हैं वो अमिताभ बच्चन की ब्लॉकबस्टर फिल्म 'कालिया' का है. 25 दिसंबर 1981 में आई इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया था. हर शो फुल चल रहा था. सिनेमाघरों के बाहर अमिताभ बच्चन के फैंस लाइन लगाकर टिकट लेने को बेताब नजर आते थे. टीनू आनंद के डायरेक्शन में बनी फिल्म में अमिताभ बच्चन के अलावा प्राण, परवीन बॉबी, आशा पारेख, कादर खान और अमजद खान जैसे मंझे किरदार थे. 

अमिताभ बच्चन नहीं थे फिल्म की पहली पसंद

जब 'कालिया' फिल्म की कहानी बनकर तैयार हुई तब डायरेक्टर टीनू आनंद लीड रोल में किसी एंग्री लुक वाले एक्टर को लेना चाहते थे. ऐसे में सबसे पहला नाम धर्मेंद्र का आया. हालांकि डेट्स की कमी के चलते धर्मेंद्र का नाम फाइनल नहीं हो पाया. इसके बाद विनोद खन्ना से संपर्क किया गया लेकिन तब तक विनोद खन्ना ओशो के संपर्क में आ चुके थे. इस वजह से उनकी भी दिलचस्पी फिल्म में नहीं दिखी. तब जाकर डायरेक्टर के जहन में अमिताभ बच्चन का नाम आया, जो इस किरदार के लिए एकदम परफेक्ट थे. उनका जलवा भी फिल्म में देखने को मिला. उस दौर में फिल्म की कमाई 30 करोड़ हुई थी.

इस तरह अमिताभ बच्चन को सुनाई गई फिल्म की कहानी

हालांकि, अमिताभ बच्चन के पास भी उस वक्त फिल्मों की लाइन लगी थी. एक के बाद एक बैक फिल्में वो कर रहे थे. इस वजह से टीनू आनंद को उन्हें कहानी सुनाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती थी. जब कई बार अमित जी से मुलाकात नहीं हो पाई तो टीनू स्क्रिप्ट लेकर फिल्म 'डॉन' के सेट पर पहुंच गए . वहीं, उन्होंने उन्हें फिल्म की कहानी सुनाई और फिल्म को करने से मना न करने का आग्रह किया. टीनू आनंद के रिक्वेस्ट पर अमिताभ फिल्म करने को तैयार हो गए. 

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