
अमिताभ बच्चन को बॉलीवुड का महानायक कहा जाता है. वहीं कई लोगों का कहना है कि उन्हें सुपरस्टार का तमगा शोले और जंजीर जैसी फिल्मों से मिला. लेकिन डायरेक्टर साजिद खान का कहना है कि 1978 में आई उनकी एक फिल्म ने उन्हें सुपस्टार का तमगा दिया. जबकि इससे पहले वह एक सुपरस्टार थे. फिल्म थी मुकद्दर का सिकंदर, जो साल की सबसे ज्यादा कमाने वाली फिल्म थी. जबकि शोले (1975) और बॉबी (1973) दशक की तीसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म थी.
₹10 मिलियन (1.3 करोड़) के बजट में बनी इस फिल्म ने भारत में ₹170 मिलियन की (9 करोड़) कमाई की. बॉक्स ऑफिस इंडिया के मुताबिक यह फिल्म एक ब्लॉकबस्टर थी. फिल्म इतनी बड़ी हिट थी कि लोग फिल्म की टिकट खरीदने के लिए लाइनों में खड़े होकर इंतजार करते थे. कभी-कभी तो टिकटों के इंतजार में भीड़ रात भर सिनेमा हॉल के सामने सो जाती थी. 1978 में इसकी भारतीय सकल आय $20.76 मिलियन के बराबर है.
केवल भारत ही नहीं यह सोवियत संघ में भी एक विदेशी ब्लॉकबस्टर साबित हुई थी, जहां फिल्म ने 6.3 मिलियन रूबल (25.2 मिलियन टिकट बिक्री, औसत 25 कोपेक टिकट मूल्य पर) की कमाई की, जो 1984 में $7.96 मिलियन (₹98.9 मिलियन) थी. मुद्रास्फीति के लिए समायोजित, इसका विदेशी ग्रॉस 2017 में $24 मिलियन (₹1.407 बिलियन) के बराबर है. दुनिया भर में, फिल्म ने ₹269 मिलियन ($31.75 मिलियन) की कमाई की.फिल्म ने भारत में अनुमानित 67 मिलियन टिकट बेचे और सोवियत संघ में 25.2 मिलियन टिकट, दुनिया भर में अनुमानित कुल 92 मिलियन टिकट बेचे.
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