Amitabh Bachchan: बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन फिल्म इंड्स्ट्री के पारस पत्थर बन चुके हैं, वो जिस फिल्म पर हाथ रखते हैं उसका हिट होना तय हो जाता है. इस चमत्कारी स्पर्श का असर न सिर्फ फिल्म पर बल्कि विज्ञापनों पर भी होता है, जिसके चलते अमिताभ बच्चन आज भी कई ब्रांड्स का पसंदीदा चेहरा बने हुए हैं. एंग्रीयंग मैन अमिताभ बच्चन को ये शौहरत हासिल करने के लिए लंबा संघर्ष तय करना पड़ा है. ये भला कौन यकीन करेगा कि जो अमिताभ बच्चन फैंस की भीड़ से घिरे रहते हैं. जिनके घर के बाहर उन्हें साइन करने के लिए डायरेक्टर्स की लंबी कतार लगी रहती है, वही अमिताभ बच्चन कभी डायरेक्टर की छोटी से छोटी शर्त मानने पर मजबूर हुआ करते थे. अपनी पहली फिल्म के लिए भी अमिताभ बच्चन को ऐसी ही एक शर्त माननी पड़ी थी.
डायरेक्टर की शर्त
अमिताभ बच्चन की ये फिल्म थी सात हिंदुस्तानी. इस फिल्म में अमिताभ बच्चन के साथ कुछ और भी सितारे काम कर रहे थे. मल्टी स्टारर फिल्म भी अमिताभ बच्चन को खासी मशक्कत के बाद हासिल हुई थी. यही वजह थी कि अमिताभ बच्चन हर हाल में फिल्म करना चाहते थे या फिल्म करने के लिए मजबूर थे. आईएमडीबी ट्रिविया के मुताबिक इस फिल्म के लिए डायरेक्टर के बेटे ने उनके सामने अजीबोगरीब शर्त भी रख दी थी, दरअसल, अमिताभ बच्चन से इंदर राज आनंद के बेटे टीनू आनंद ने ये साफ साफ कर दिया था कि फिल्म के लिए उनकी कुल फीस पांच हजार रुपए होगी. अब फिल्म बनने में एक साल का वक्त लगे या फिर पांच साल का. फिल्म बनने में ज्यादा समय लगने पर भी उनकी फीस में कोई इजाफा नहीं होगा.
टीनू आनंद ने ही सुझाया था नाम
दिलचस्प बात ये है कि फिल्म के लिए टीनू आनंद ने ही अमिताभ बच्चन का नाम सुझाया था. हुआ यूं कि अमिताभ बच्चन से पहले टीनू आनंद ही वो किरदार निभा रहे थे, जो सात हिंदुस्तानी फिल्म में अमिताभ बच्चन ने किया था. लेकिन बाद में सत्यजीत रे ने टीनू आनंद को अपना असिस्टेंट बनने के लिए बुला लिया. जिसके बाद टीनू आनंद ने अमिताभ बच्चन का नाम फिल्म के लिए सुझाया और उन्हें शर्त भी बताई.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं