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अमिताभ बच्चन पर हो रहा बढ़ती उम्र का असर, भूल जाते हैं डायलॉग के लाइन्स, पोस्ट में छलका बिग बी का दर्द

अमिताभ बच्चन ने हाल ही में अपने ब्लॉग के जरिए अपने संघर्षों के बारे में बताया और बताया कि उन्हें अपनी लाइनें याद करने में कैसे परेशानी होती है. बढ़ती उम्र के चलते और भी बहुत दिक्कतों का सामना करते हैं बिग बी.

अमिताभ बच्चन पर हो रहा बढ़ती उम्र का असर, भूल जाते हैं डायलॉग के लाइन्स, पोस्ट में छलका बिग बी का दर्द
अमिताभ बच्चन ने बताया बढ़ती उम्र में कर रहे किन चुनौतियों का सामना
नई दिल्ली:

मेगास्टार अमिताभ बच्चन भले ही अभी भी फिल्म और टेलीविजन इंडस्ट्री में एक्टिव हैं, लेकिन 82 साल की उम्र में उन्हें अपनी उम्र के कारण कई सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. अमिताभ बच्चन ने हाल ही में अपने ब्लॉग के ज़रिए अपने संघर्षों के बारे में बताया और बताया कि उन्हें अपनी लाइनें याद करने में कैसे परेशानी होती है. दिग्गज सुपरस्टार ने यह भी बताया कि कैसे वह कभी-कभी देर रात अपने डायरेक्टर्स को फोन करते हैं और अपने सीन्स को बेहतर तरीके से करने के लिए दूसरा मौका मांगते हैं.

अमिताभ ने शेयर की दिल की बात

अमिताभ बच्चन ने लिखा, "काम आने के लिए मीटिंग्स और मीटिंग्स और मीटिंग्स बहुत होती हैं, और यह एक परीक्षा, एक चुनौती बन जाती है कि क्या लेना है, क्या अस्वीकार करना है, क्या विनम्रता से मना करना है. मुद्दा यह है कि चर्चा अंततः फिल्म उद्योग, और इसके कामकाज और इसकी स्थिति के विषय पर समाप्त होती है, जिसके बारे में मैं बिल्कुल भी नहीं जानता."

दिग्गज सुपरस्टार ने आगे लिखा, "चिंता हमेशा यही रही है कि मुझे क्या काम मिल रहा है और क्या मैं उसके साथ न्याय कर पाऊंगा या नहीं, उसके बाद क्या होगा, यह सब धुंधला है. प्रोडक्शन, लागत, मार्केटिंग, प्रदर्शनी... वगैरह... बस एक अज्ञात, समझ से परे अंधेरा, धुंधलापन."

'डायरेक्टर को आधी रात करता हूं फोन'

बिग बी ने आगे कहा, "और जब आप उम्रदराज होते हैं, तो यह सिर्फ लाइनों को याद रखने की बाधा नहीं होती, बल्कि कई उम्र से संबंधित समस्याएं भी होती हैं जिन्हें पूरा करना होता है ताकि आप कंटेंट को सही तरीके से प्रिजेंट कर सकें. और फिर आप घर आते हैं और महसूस करते हैं कि कितनी गलतियां हुईं और उन्हें कैसे सुधारें.. निर्देशक को आधी रात को फोन करके एक और मौका मांगते हैं ताकि सुधार किया जा सके".

 ब्लॉग में उन्होंने लिखा, "एक और दिन बीत गया, एक और आर्टिकल आ गया, दोस्तों के साथ एक और मुलाकात शुरू हो गई और एक और आशंका अभी भी हावी है. क्या वे वहां होंगे या नहीं? और यह महसूस होता है कि शुभचिंतकों का उत्साह धीरे-धीरे कम हो रहा है. यह होना ही है- प्रोफेशनल वक्त के साथ फीके पड़ जाते हैं. जब अभिनेता का चेहरा दर्शकों का सामना नहीं कर पाता.. वे चले जाते हैं. यह सबके साथ होगा. चाहे कुछ भी कहा जाए, जीवन का चक्र कभी नहीं रुकता".

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