बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान (Aamir Khan) इन दिनों अपनी फिल्म लाल सिंह चड्ढा की तैयारी में लगे हुए हैं. अपनी फिल्मों और अपने अंदाज से आमिर खान ने लोगों का दिल जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. लेकिन आमिर खान के लिए यहां तक का सफर तय करना बिल्कुल भी आसान नहीं था. हाल ही में आमिर खान ने बेनेट युनिवर्सिटी के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए अपने करियर से जुड़ी कई बातें बताईं. इसके साथ ही एक्टर ने कहा कि मैं इतना दुखी था कि मैं घर आकर रोता था. मेरा करियर भी डूब रहा था.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक आमिर खान (Aamir Khan) ने अपने करियर के दिनों को याद करते हुए कहा, "कयामत से कयामत तक के बाद मैंने कहानियों के आधार पर करीब 8 से 9 फिल्में साइन कीं और उस समय सभी डायरेक्टर्स मेरे लिए नए और अंजान थे. ये फिल्में लगातार शुरू होने लगीं और मीडिया द्वारा मुझे कहा जाता था कि इसकी एक ही फिल्में चलेंगी बाकी नहीं. मेरा करियर डूब रहा था. ऐसा लग रहा था मानो मैं कितनी जल्दी में हूं. मैं बहुत दुखी था. मैं अकसर उस समय घर आकर रोया करता था." आमिर खान ने आगे बताया कि जिन लोगों के साथ वह काम करना चाहते थे, वह उनके साथ काम करने में कोई दिलचस्पी नहीं ले रहे थे.
आमिर खान (Aamir Khan) ने आगे कहा, "कयामत से कयामत तक के 2 सालों बाद तक, मैंने अपनी जिंदगी की सबसे कमजोर अवस्था महसूस की है. जो फिल्में मैंने साइन की थीं, वह लगातार रिलीज होतीं और फ्लॉप होती जा रही थीं. ऐसे में मुझे लगता था कि अब मैं खत्म हूं. यहां अब मेरे जीने का कोई रास्ता नहीं बचा है, क्योंकि मैंने जानता था कि मेरी बाकी अनरिलीज फिल्में कितनी खराब हैं." आमिर खान ने बताया कि उसी समय मैंने यह सोच लिया था कि करियर भले ही खत्म हो जाए, लेकिन जब तक मुझे अच्छा डायरेक्टर, अच्छी स्क्रिप्ट और अच्छा प्रोड्यूसर नहीं मिलेगा, मैं फिल्में साइन नहीं करूंगा.
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