नीतीश के समर्थन में आए विपक्षी दलों ने कहा- "मोदी सरकार ने एनएचआरसी को नया हथियार बनाया"

कांग्रेस समेत 14 विपक्षी दलों ने बिहार में जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के कदम को लेकर मंगलवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर तीखा प्रहार किया और नीतीश सरकार का समर्थन करते हुए कहा कि राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने के लिए कई जांच एजेंसियों के बाद अब एनएचआरसी को भी सरकार का ‘हथियार’ बना दिया गया है.

Advertisement
Read Time: 11 mins
बिहार के सीएम नीतीश कुमार के समर्थन में विपक्षी दलों के नेता
नई दिल्ली:

कांग्रेस समेत 14 विपक्षी दलों ने बिहार में जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के कदम को लेकर मंगलवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर तीखा प्रहार किया और नीतीश सरकार का समर्थन करते हुए कहा कि राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने के लिए कई जांच एजेंसियों के बाद अब एनएचआरसी को भी सरकार का ‘हथियार' बना दिया गया है.

विपक्षी दलों ने एक संयुक्त बयान में गुजरात, मध्य प्रदेश और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-शासित कुछ अन्य राज्यों में जहरीली शराब से हुई मौतों के मामलों का उल्लेख किया और यह सवाल किया कि एनएचआरसी ने इन घटनाओं की जांच की पहल क्यों नहीं की?

उल्लेखनीय है कि एनएचआरसी ने बिहार में जहरीली शराब से लोगों की मौत के मामले की ‘‘मौके पर'' जाकर जांच करने के लिए अपनी जांच टीम नियुक्त करने का फैसला किया है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जहरीली देसी शराब के सेवन से अब तक 60 लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि, अधिकारी मृतक संख्या 38 बता रहे हैं.

विपक्षी दलों ने अपने बयान में कहा, ‘‘बिहार में जहरीली शराब पीने से 38 लोगों की मौत हुई है, जो बहुत दुखद और हैरान करने वाली घटना है. बिहार सरकार ने जहरीली शराब बनाने और बेचने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं और जहरीली शराब के प्रति लोगों को सचेत करने के लिए बड़े पैमाने पर जागरुकता अभियान भी आरंभ किया है.''

कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, वामपंथी दलों, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कुछ अन्य दलों ने बयान जारी किया है. आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने एक बार फिर से दिखाया है कि वह किसी भी त्रासदी का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए करने से पीछे नहीं रहने वाली है.

इन दलों के अनुसार, 2016 में बिहार में शराबबंदी होने से लेकर 2021 तक राज्य में जहरीली शराब पीने से करीब 200 मौतें हुईं, लेकिन उस वक्त एनएचआरसी ने कोई कदम नहीं उठाया, क्योंकि उस वक्त भाजपा प्रदेश की सत्ता में भागीदार थी. इन दलों ने आरोप लगाया कि विरोधी दलों को निशाना बनाने के लिए सरकार ने ईडी, सीबीआई, आयकर विभाग के बाद अब एनएचआरसी को भी अपना नया हथियार बना लिया है.

Advertisement

ये भी पढ़ें-

  1. गहलोत-पायलट में समझौता...? "जल्द आएगी अच्छी ख़बर...", बोले राहुल गांधी
  2. "मल्लिकार्जुन खरगे के 'आज़ादी में BJP के योगदान' वाले बयान पर हंगामा, माफी की मांग पर बोले - बयान पर कायम
  3. ""135 करोड़ लोग हम पर हंस रहे हैं, हम बच्चे नहीं हैं...", संसद में भड़के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़
Featured Video Of The Day
Pune में तेज रफ्तार कार ने दो पुलिसवालों को कुचला, एक की मौत