बिहार वोटर लिस्ट: NDA की कमजोर कड़ी मगध में सबसे ज्यादा नए वोटर जुड़े, सीमांचल में हटाए गए सबसे ज्यादा नाम

Bihar SIR Inside Story: बिहार वोटर लिस्ट का फाइनल डेटा जारी हो गया है. बिहार में कुल 7.42 करोड़ पात्र मतदाता हैं. गोपालगंज, सीमांचल में काफी नाम डिलीट किए गए हैं.

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Bihar News
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  • चुनाव आयोग ने बिहार में SIR के बाद कुल 7.42 करोड़ पात्र मतदाताओं की अंतिम वोटर लिस्ट जारी की है
  • सीमांचल क्षेत्र में मुस्लिम बहुल इलाकों से औसतन 7.7% वोटर नाम हटाए गए जो राज्य के औसत से अधिक है
  • मगध में वोटर जोड़ने की दर 2.6% रही जो बिहार के अन्य क्षेत्रों से सबसे अधिक है और ये क्षेत्र NDA के लिए अहम है
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नई दिल्ली:

Bihar SIR Inside Story: भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के बाद फाइनल वोटर लिस्ट जारी कर दी है. अगर वोटर लिस्ट का इलाकों के हिसाब से विश्लेषण करें तो एनडीए के कमजोर मगध क्षेत्र में सबसे ज्यादा नए वोटर जुड़े हैं. जबकि मुस्लिम बहुल सीमांचल में सबसे ज्यादा नाम हटाए गए हैं. अंतिम मतदाता सूची के अनुसार बिहार में कुल 7.42 करोड़ पात्र मतदाता हैं. ड्राफ्ट से अंतिम सूची में करीब 18 लाख नए मतदाता जुड़ गए.

एसआईआर की प्रक्रिया शुरू होने से पहले और अंतिम मतदाता सूची के आधार पर देखें तो गोपालगंज जिले में सबसे ज्यादा 12.13% नामों को हटाया गया है. गोपालगंज में कुल 6 विधानसभा सीटें हैं, जहां 2020 के चुनाव में एनडीए ने 4 और महागठबंधन (MGB) ने 2 सीटें जीती थीं. वहीं दूसरी ओर मुस्लिम बहुल सीमांचल क्षेत्र में औसतन 7.7% वोटर्स का नाम कटा है. यह बिहार में जिलेवार हटाए गए नामों के औसत 5.9% से अधिक है. सीमांचल के किशनगंज में 9.69%, पूर्णिया में 8.41%, कटिहार में 7.12% और अररिया में 5.6 प्रतिशत नाम काटे गए हैं.

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सीमांचल में 48 फीसदी मुस्लिम आबादी
इन 4 जिलों वाले सीमांचल क्षेत्र में मुस्लिम आबादी लगभग 48% है. साल 2020 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन ने यहां 7 सीटें, एनडीए ने 12, और एआईएमआईएम ने 5 सीटें जीती थीं. हालांकि, बाद में AIMIM के अधिकांश विधायक राजद में शामिल हो गए थे. नाम काटने की दर अधिक होने के बावजूद सीमांचल में ड्राफ्ट रोल के बाद अंतिम मतदाता सूची में 2.4% ही नए वोटर्स जोड़े गए जो राज्य की औसत वृद्धि दर 2.3% के लगभग बराबर है.

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नाम जुड़वाने में मगध सबसे आगे
दिलचस्प बात यह है कि मगध क्षेत्र, जहां 2020 में एनडीए का प्रदर्शन कमजोर रहा था, वहां पूरे बिहार में सबसे ज्यादा वोटर जोड़ने की दर (2.6%) दर्ज की गई. इस क्षेत्र में कुल 7 जिले शामिल हैं. पटना जिले में सबसे ज्यादा 1.6 लाख यानी 3.4% मतदाता वृद्धि दर्ज की गई है. वही इस क्षेत्र के नवादा जिले में सबसे कम 1.8% वृद्धि दर्ज की गई.

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मगध क्षेत्र एनडीए की कमजोर कड़ी
2020 के चुनाव में महागठबंधन ने मगध क्षेत्र की 47 में से 30 सीटें जीती थीं, जिनमें से राजद अकेले 22, जबकि बीजेपी 9 और जेडीयू 5 सीटें जीती थीं. लोकसभा चुनावों में भी एनडीए का प्रदर्शन इस क्षेत्र में कमजोर ही रहा है. एनडीए की इस क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगस्त में गया का दौरा किया था, जहां उन्होंने करीब 12,000 करोड़ की विकास योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया. इसे आगामी चुनावों से पहले सुशासन और विकास का संदेश देने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है.

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