बिहार: नेपाल के तराई क्षेत्र में बारिश से किशनगंज में हर तरफ पानी ही पानी, घर छोड़ ऊंचे स्‍थान पर शरण लिए हैं ग्रामीण

ग्रामीणों का कहना है कि  निरंतर हो रही बारिश से गांव के लोग भयभीत हैं. स्थानीय जनप्रतिनिधियों से वे जल्द बचाव एवं राहत कार्य करने की अविलंब मांग कर रहे हैं.

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टेढ़ागाछ की मुख्य सड़कों के ऊपर से बाढ़ का पानी गुजर रहा है
पटना:

Bihar: नेपाल के तराई क्षेत्रों में लगातार मूसलाधार बारिश होने से बिहार (Bihar) के किशनगंज जिले से होकर बहनेवाली महानंदा, कनकई, डोंक,मेची और रतुआ नदी उफान पर है, इससे खासकर जिले के चार प्रखंड प्रभावित हुए हैं. टेढ़ागाछ, ठाकुरगंज, पोठिया और बहादुरगंज प्रखंडके दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है. टेढ़ागाछ प्रखंड की बात करें तो इस इलाके से होकर बहने वाली कनकई, गौरैया व रेतुआ नदी खतरे के निशान के ऊपर बह रही है,जिससे लोग रात भर रतजगा करते रहे. लोग जान बचाने के लिए रात से ही घर छोड़कर ऊंचे स्थानों पर पहुंचकर शरण लिए हुए हैं. 

जहां भी नजर डालिए, पानी ही पानी नजर आ रहा है 

ग्रामीणों का कहना है कि  निरंतर हो रही बारिश से गांव के लोग भयभीत हैं. स्थानीय जनप्रतिनिधियों से ग्रामीण जल्द बचाव एवं राहत कार्य करने की अविलंब मांग कर रहे हैं, जिससे दर्जनों गांवों के बाढ़ से प्रभावित परिवार को बचाया जा सके. नदी में आई बाढ़ से झुनकी पुल के ऊपर से पानी बह रहा है. उधर, टेढ़ागाछ की भी मुख्य सड़कों के ऊपर से बाढ़ का पानी गुजर रहा है. कई जगह पर सड़क व पुलपुलिया पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं और आवागमन बाधित है. लोगों का प्रखंड एवं जिला मुख्यालय से संपर्क पूरी तरह से टूट चुका है. विद्युत सप्लाई ठप होने से घरों में अंधेरा और लोगों का मोबाइल डिस्चार्ज है.

टेढ़ागाछ प्रखंड के 12 पंचायत में 24 अक्टूबर को ग्राम पंचायत चुनाव होना है.वैसे में जिला प्रशासन के चुनौती स्वरूप है. एक तरफ नदियों का जलस्तर बढ़ने से कई पंचायत का संपर्क टेढ़ागाछ प्रखंड मुख्यालय से संपर्क टूट चुका है, कई जगह पर प्रधानमंत्री सड़क सहित पुल पुलिया क्षतिग्रस्त हो चुका है. दूसरी तरफ जिला प्रशासन के पास मात्र चार दिन ही बचे है.वैसे में जिला प्रशासन बाढ़ पीड़ितों का मदद करेंगे या फिर चुनाव करवाएंगे.एसडीएम ब्रजेश कुमार ने कहा कि टेढ़ागाछ प्रखण्ड की स्थिति भयावह है. हमारे अधिकारी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों पर पल पल की  निगरानी रखे हुए हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव करवाना संवैधानिक दायित्व है. मतदानकर्मियों को बूथों तक भेजने की जबाबदेही जिला प्रशासन को है. उन्होंने दावा किया कि हर हाल में निष्पक्ष,स्वच्छ और शांतिपूर्ण वातावरण में चुनाव सम्पन्न करवाया जाएगा.

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